भिवंडी। यहां की एक अदालत ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आरएसएस द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में आरोप तय हो गए। उसके बाद उन्होंने जोर देकर कहा कि वे आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ जंग जारी रखेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई प्रधानमंत्री की नीतियों से है, जिसके कारण भारत में किसान नाखुश हैं और भारत के नौजवान बेरोजगार टहल रहे हैं। वर्तमान सरकार केवल 15-20 पूंजीपतियों के लिए है और मीडिया इसे कवर कर रहा है। लेकिन मुख्य मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। युवाओं के लिए न तो नौकरियां हैं और न ही किसानों के लिए कोई कृषि नीति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन सबके बारे में कोई बात नहीं करते हैं। राहुल गांधी ने यहां मीडिया को संबोधित करते हुए ये बाते कहीं।
उन्होंने कहा कि मोदी जी मुद्रास्फीति और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर कोई शब्द नहीं बोलेंगे। वे मुझ पर अलग-अलग केस करवा रहे हैं, लेकिन मेरी लड़ाई विचारधारा पर आधारित है, मैं उनके खिलाफ लड़ता रहूंगा और हम जीत जाएंगे।
राहुल गांधी के खिलाफ आरोप भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 के तहत तैयार किए गए। मामले की अगली 10 अगस्त को होगी।
आपको बता दें, आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने मार्च 2014 में चुनावी रैली में राहुल गांधी के बयान के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज करवाया था जिसको स्थानांतरित कर दिया था, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया था।
हालांकि, कुंटे राज्य पुलिस से नाखुश थे, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि आरोपी होने के बावजूद गांधी को विशेष तरह की सुविधाएं दी गईं। मैं शिकायतकर्ता हूं और अभी भी मुझे अदालत से जाने की अनुमति नहीं मिली, लेकिन राहुल गांधी और उनके लोग आरोपी होने के बावजूद चले गए।
23 अप्रैल को, गांधी के वकील ने अदालत में बार-बार आने से छूट के लिए पार्थना पत्र दिया था।
सितंबर 2016 में राहुल गांधी ने उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका वापस ले ली, इस मामले को चुनौती दी और कहा कि वे मुकदमे का सामना करने के लिए तैयार हैं।
शीर्ष अदालत ने एक मुकदमे में उनके खिलाफ लंबित आपराधिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था।