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बस्तीः भ्रष्टाचारी, नगर पालिका परिषद पर भारी

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पिछले कुछ सालों में नगर पालिका परिषद बस्ती पर भ्रष्टाचार का लगा बदनुमा दाग आज भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है। भ्रष्टाचारी फिर से सरकारी धन के गोलमाल की नींव रख रहे है और जिम्मेदार पूरी तरह से न जाने क्यों मौन हैं।

बस्ती शहर को साफ, स्वच्छ और सुदंर बनाने के लिये यूपी सरकार हर साल करोड़ों का बजट भेजती है मगर पालिका कर्मचारी और अधिकारी उस धन का बंदरबाट कर फाइलों में काम दिखा देते है। इस बार भी कुछ ऐसे ही भ्रष्टाचार की साजिश रचा जा रही है, जिसका खुलासा बीजेपी के नेता हरीश सिंह ने अपने एक शिकायती पत्र में किया है। नगर पालिका के चेयरमैन रुपम मिश्रा पर आरोप है कि एक करोड से अधिक के काम का टेंडर निकाला गया,मगर इस टेंडर प्रक्रिया में खुब गोलमाल भी किया गया। टेंडर में अधिकतर ऐसे कामों की निविदा निकाल दी गई है,जो पहले से पूर्ण है या कई साल पहले वे कार्य कराये जा चुके हैं। शहर के सभी चौराहों पर शौचालय, मूत्रालय, नाले के ढक्कन सहित मौहल्लों में इंटरलाकिंग सडक का काम कराने के लिये टेंडर प्रक्रिया शुरु की गई।लेकिन अपने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने और कमीशनखोरी के चक्कर मे पुराने कामों को फिर से दिखाकर घोटाला करने की बडी साजिश रची जा रही है। हमारी टीम ने जब टेंडर में जिक्र कार्यों का जायजा लिया तो पता चला कि वहां काम पूरे है, जिसे फाईलों मे फिर से दिखाकर सरकार का करोड़ों का बजट खाने की तैयारी ती गई है, लोगों से बात करने पर पता चला कि उनके यहां महिनों पहले सडक का काम हो चुका है, चौराहो पर शौचालय बनकर तैयार है, फिर हो चुके कामों पर नगर पालिका कैसे कार्य करा सकती है।

इस पूरे घोटाले की खबर आम होने के बाद प्रभारी डीएम अरविंद पांडे से बात करने पर कहा कि यह गंभीर प्रकरण है। वे मामले की जांच करायेंगे फिर टेंडर के निरस्त क्या जायेगा। वहीं, शिकायतकर्ता बीजेपी नेता हरीश सिंह ने कहा कि नगर पालिका में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। नगर पालिका में एक इमानदार बीजेपी कार्यकर्ता पुष्कर मिश्रा की पत्नी रुपम मिश्रा को जनता ने चेयरमैन की कुर्सी पर बैठाया,मगर वे भी भ्रष्टाचार के इस कुएं में डुबकी लगाने से अछूते नही रही, फर्जी कामों को दिखाकर उसका भुगतान लेने की पूरी तैयारी है और करोड़ों के इस टेंडर में गोलमाल कर बडे लेवल पर कमीशन खाया गया है। ईओ ने दबी जुबान में यह माना है कि यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि जो काम हो चुके है। उसका टेंडर दौबारा कैसे निकल सकता है। योगी सरकार ने पहले काम तब दाम की प्रथा को समाप्त कर दिया है ।बावजूद इसके बस्ती मे नगर पालिका शासन के निर्देशो को नजरअंदाज अपनी मनमानी कर रहा है।

 

[हिन्द न्यूज टीवी के लिए बस्ती से श्रीवास्तव]

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