क्या आप जानतें है कि अपको 5 इंश्योरेंस तो बिना किसी भुगतान के मिलते हैं।जी हाँ न यह मजाक है और न झुठ, दरअसल अधिक्तर लोग बिमा कराते है पर इस बात से अवगत नही हैं कि उन्हें कुछ इंश्योरेंस तो बिना कुछ खर्च किए मिल जाते हैं।आपको हम हिन्द न्यूज टीवी पर उन इंश्योरेंस के बारे में जानकारी देते हैं जिन्हे जानना अपका हक है।
एलपीजी सिलेंडर:-
क्या आप जानते हैं कि एलपीजी सिलेंडर से होने वाली दुर्घटना से संपत्ति और शरीर को होने वाले नुकसान के लिए भी इंश्योरेंस क्लेम किया जा सकता है।लेकिन गैस एजेंसियां इसकी जानकारी लोगों को नही देती है।जिसके चलते अक्सर लोग क्लेम नहीं करते।जबकि उपभोक्ता क्लेम कर सकते हैं और गैस सिलेंडर पर मिलने वाला इंश्योरेंस कवर 40 से 50 लाख तक होता है।
मोबाइल फोन:-
आपको जानकर हैरानी होगी कि आपके मोबाइल पर भी इंश्योरेंस कवर होता है।वहीं कवर आपके फोन के मॉडल पर निर्भर करता है।बीमा कंपनियां खुदरा विक्रेताओं के द्वारा स्मार्टफोन के लिए ग्रुप कवर प्रदान करती हैं।हालांकि प्रस्तावित कवर में आकस्मिक क्षति और चोरी को शामिल नहीं किया जाता।
एयर ट्रैवल:-
अगर प्लेन में कहीं ट्रैवल कर रहे हैं और पता चलता है कि अपका बैग ही गायब हो गया या सामान में कुछ टूट फूट हो गई तो जान लें कि इस स्थिति में आप इंश्योरेंस कवर का लाभ उठा सकते हैं।इसके अंतर्गत यात्रियों को सामान की हानि के लिए मुआवजा प्रदान किया जाता है।
बैंक डिपॉजिट:-
क्या आपको पता है कि आपके बैंक में जमा रकम भी इंश्योर्ड होती है। नहीं न, तो बता दें कि बैंक में जमा रकम इंश्योर्ड होती है जिसकी कवर साइज एक लाख रुपये तक होती है। हालांकि यह कभी कभी न के बराबर भी होती है। लेकिन एक कहावत है कि कुछ नहीं होने से बेहत है कुछ होना। इससे आपको उस समय राहत मिल सकती है जब आपका बैंक डिफॉल्ट करता है। बैंक की सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड अकाउंट, करंट अकाउंट और रैकरिंग अकाउंट के डिपॉजिट मनी इसके दायरे में आती है। दरअसल, ये इंश्योरेंस कवर डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) द्वारा दिया जाता है। जो कि भारतीय रिजर्व बैंक की ही एक सहायक कंपनी है।
कंपनी डिपॉजिट:-
इस इंश्योरेंस का दायरा 20 हजार रुपये तक होता है।कंपनी एक्ट 2013 के मुताबिक कंपनियों को कॉर्पोरेट डिपॉजिट जमा के लिए 20 हजार रुपये तक का बीमा कवर खरीदना होता है। ऐसा नहीं होने पर उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। हालांकि कई बार कंपनियों को इसमें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि बीमा कंपनिया इस तरह का कवर उपलब्ध नहीं कराती।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए ब्यूरो रिपोर्ट के साथ निखिल लहरी