अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के गेट पर लगे यूनिवर्सिटी के बैज के साथ ही स्ट्रीट पोल पर लिखाये गए क़ुरान के कोट्स पर आरएसएस के मुस्लिम विचारक ने सवाल उठाते हुए मुस्लिम कट्टरवादी सोच के प्रति काम करना बताया है। जैसा कि विश्व मे सभी को पता है कि एएमयू में हर धर्म का स्टूडेंट पड़ता है, लेकिन जब कैंपस में एक स्ट्रीट पोल पर क़ुरआन के कोट्स लिखी प्लेट लगाये जाने की बात सामने आई तो इस पर आरएसएस के मुस्लिम विचारक ने सवाल उठाते हुए कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है, ये सिर्फ नाम की मुस्लिम यूनिवर्सिटी है, ये मदरसा नहीं है बल्कि एक केंद्रीय यूनिवर्सिटी हैं। इसलिए ऐसा इसमें नहीं होना चाहिए, आरएसएस विचारक आमिर रशीद ने आरोप लगाते हुए कहा की एएमयू कैम्पस में कुछ लोग कट्टरवादी सोच के प्रति काम कर रहे हैं, इस्लाम धर्म को संकुचित कर के रख दिया है।
जिस पर छात्र संघ अध्यक्ष ने सफाई पेश करते हुए कहा कि एएमयू एक शिक्षण संस्थान है, अभी एक ही पोल पर ही क़ुरान के कोट्स लिखी प्लेट लगाई गई है, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी की तर्ज़ पर धार्मिक लोगों के सभी धर्मों के कुल 30 स्ट्रीट पोल पर कोट्स लगाए जाएंगे। तो वहीं एएमयू छात्रसंघ अध्यक्ष मशकूर अहमद उस्मानी ने आरएसएस व प्रधानमंत्री मोदी तक की शिक्षा पर सवाल खड़े करते कहा कि ये लोग चड्डी से बाहर निकल कर भी सोचें।
[हिंद न्यूज टीवी के लिए अलीगढ़ से अजय कुमार]