मुंबई। केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने शुक्रवार को कहा कि यदि भीमा-भीमगांव हिंसा के संबंध में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच लोग अम्बेडकर के अनुयायी हैं, तो उनके साथ नक्सलियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह नहीं पाया जाता कि उनका नक्सल आंदोलन से कोई संबंध है। वह गिरफ्तार लोगों की मदद करने की कोशिश करेंगे।
आठवले ने एएनआई को बताया कि यलगर परिषद और भीम कोरेगांव हिंसा के बीच कोई संबंध नहीं है। पांच लोगों को कल गिरफ्तार किया गया था, अगर वे अम्बेडकर के अनुयायी हैं तो उनके साथ नक्सलियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। इस मामले पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जानी चाहिए।
मैं इसके बारे में मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) से बात करूंगा। अगर कल गिरफ्तार किए गए लोगों का नक्सली आंदोलन से कोई संबंध नहीं है तो मैं निश्चित रूप से उनकी मदद करने के लिए तैयार हूं। मैं अम्बेडकर के युवा अनुयायियों से अपील करना चाहता हूं कि उन्हें नक्सल आंदोलन से कोई और किसी तरह का संबंध नहीं रखना चाहिए।
शहर के संयुक्त आयुक्त पुलिस ने गुरुवार को कहा कि भीमा-कोरेगांव हिंसा के सिलसिले में पुणे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के नक्सलियों से संबंध हैं।
गिरफ्तार लोगों में सुरेंद्र गडलिंग, सुधीर धावले, रोना जैकब विल्सन, शोमा सेन और महेश राउत शामिल हैं।
पुणे कोर्ट ने गुरुवार को भीमा- कोरेगांव हिंसा के मामले में कार्यकर्ता रोना विल्सन और वकील सुरेंद्र गडलिंग समेत सभी पांच आरोपियों को 14 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा।
दिल्ली कोर्ट ने जैकब को दो दिवसीय ट्रांजिट रिमांड पर भेज दिया है। उन्हें 8 जून को पुणे में स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
उसी घटना के संबंध में भी गडलिंग को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गौरतलब है कि 2 जनवरी को एक युवक की एक घटना के दौरान संघर्ष में मृत्यु हो गई। उसके बाद भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं वर्षगांठ ने एक हिंसक मोड़ लिया। जिसमें 10 पुलिसकर्मियों सहित हिंसा में एक की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे।