पटना। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अगर लाभ लेना है तो हमारी जो मांगें हैं उनसे उनको सहमत होना पड़ेगा।
रजक ने एएनआई से बात करते हुए कहा है कि यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारे खिलाफ अन्याय किया गया है। हमने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जे की मांग की थी। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले।
उन्होंने राज्य में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के महत्व पर और जोर दिया, अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो भाजपा को नीतीश की छवि का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। इस बात को उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा।
आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और जेडीयू बिहार में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। पिछली बार हम हमने 25 सीटों पर चुनाव लड़े थे। इस बार उन्हें भी 25 सीटें देनी होंगी, सीटों की संख्या करने का सवाल नहीं होगा। अगर एनडीए यह चाहता है कि नीतीश की छवि का लाभ उन्हें मिले तो उनको हमारे साथ न्याय करना पड़ेगा।
जेडीयू न केवल गठबंधन का हिस्सा है, बल्कि वफादार भी है। लेकिन संकेत अच्छे नहीं दिखते हैं, हाल ही में टीडीपी और शिवसेना गठबंधन के साथ टूट गई, अन्य पार्टियों में समस्याएं उभर रही हैं पीडीपी ने बी साथ छोड़ दिया है। भाजपा की जिम्मेदारी सभी को खुश रखने और गठबंधन को बरकरार रखने की है।
सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों में दलित प्रतिनिधित्व की कमी पर प्रकाश डालने के बाद उन्होंने कहा कि बिहार में न्यायपालिका में आरक्षण है। यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के लिए क्यों नहीं किया जा सकता है? यह भाजपा के इरादों पर संदेह उठाता है। यदि वे अम्बेडकर और दलितों के प्रति समर्पित हैं, तो उन्हें दलितों और बिहार के साथ न्याय करना चाहिए और यह एक मजबूत गठबंधन साबित करने के लिए हमें सम्मानजनक साझेदारी देना चाहिए।
इससे पहले, जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा था कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा थे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि सीट साझा करने के संबंध में पार्टी में कोई भ्रम नहीं था और जेडीयू ने हमेशा 25 सीटों पर चुनाव लड़ा है।
हालांकि, सुशील मोदी ने दोनों पक्षों के बीच किसी भी तरह के मतभेद की हवा को मंजूरी नहीं दी थी और कहा था कि पीएम मोदी के नाम और नीतीश कुमार के काम के आधार पर 2019 में वोट लिया जाएगा।