बदायूं। 31 दिसंबर को नए साल के जश्न वाली रात मूसाझाग थाना परिसर में सिपाहियों द्वारा एक किशोरी का अपहरण करके गैंगरेप की सनसीखेज वारदात में बिटिया को तीन साल बाद न्याय मिल गया है। दोनों दरिंदे सिपाहियों को 25 साल कैद और प्रत्येक पर 45 हजार रुपये जुर्माना का फैसला स्पेशल जज पाक्सो एक्ट देवराज प्रसाद सिंह ने सुनाया है। जुर्माने की धनराशि पीड़िता को दी जाएगी।
सहायक अधिशासी अधिवक्ता (ADGC) बिलालउद्दीन ने बताया कि घटना 31 दिसंबर 2014 की रात की है।बदायूँ जिले के मूसाझाग थाने में तैनात सिपाही वीरपाल और अवनीश यादव ने गांव में रहने वाली किशोरी को उसके घर से अगवा करके थाने लाए और वहां दोनों ने बारी-बारी उसके साथ गैंगरेप किया। इस कृत्य को अंजाम देकर ये वर्दीवाले पीड़िता को पुनरू गांव छोड़ गए। सड़क से संसद तक गूंजने वाली इस घटना के बाद दोनों के खिलाफ एक जनवरी को एसएसपी के निर्देश पर गैंगरेप का केस दर्ज हुआ था । उसके पूरे महकमे की कई दिन छीछालेदर कराने के बाद बमुश्किल दोनों की गिरफ्तारी हो सकी। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और तब से दोनों जेल में ही निरुद्ध हैं। वहीं, दोनों पक्षों की बहस सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के अवलोकन और गवाहों के बयान के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।
अदालत द्वारा पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में दोनों सिपाहियों के वेतन से एक लाख रुपये उसी वक्त दिलवाया गया था, जब उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। अदालत ने दोनों सिपाहियों पर 45-45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बदायूँ से आशु बंसल