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PM के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का हाल बुरा, स्वच्छता मिशन की उड़ाई जा रही धज्जियां

PM के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का हाल बुरा, स्वच्छता मिशन की उड़ाई जा रही धज्जियां

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वाराणसी। देशभर में पीएम द्वारा स्वच्छता मिशन चलाया जा रहा है, जिसके तहत कही भी किसी प्रकार की गंदगी न रहने पाए और जगह के साफ होने से वातावरण भी साफ और स्वच्छ रहता है। यह संदश तो देशभर में दिया जा रहा है और गाहे-ब-गाहे कोई बड़ा नेता इस मिशन को आगे बढ़ाने या कहीं रुक न जाए इसके लिए झाड़ू उठाकर काम पर लग जाते हैं।

लेकिन पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का हाल तो इतना बुरा है कि उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है। नीचे वाराणसी घाट की तस्वीरें दी जा रही हैं। जो बहुत बुरा हाल बयां कर रही हैं। यहां का म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं निभा रहा है। सरकार भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है। चारोंओर कचरे का ढेर लगा हुआ है, जिससे रोड संकरे हो गए हैं। लोगों के पास ढंग नहीं है और वो कोई भी वस्तु सड़क पर ही फेकना पसंद करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के लिए नौ नामी-गिरामी हस्तियों को इस अभियान का अगुआ बनाया। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा, कांग्रेस नेता शशि थरूर, मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी, प्रख्यात फिल्म अभिनेता कमल हासन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, योग गुरू बाबा रामदेव और पारिवारिक धारावाहिक ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ की पूरी टीम को इस अभियान से जोड़ा गया।

इसके बाद और भी कई बड़ी हस्तियां इस अभियान से जुड़ी और इसे आगे बढ़ाने की कोशिश की। लेकिन इस अभियान के लगभग साढ़े तीन साल पूरे होने जाने के बाद सामने आई तस्वीरें तो कुछ और ही हकीकत बयां कर रही हैं।

आइए, जानते हैं स्वच्छ भारत अभियान क्या है?

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ-सुथरा करना है। यह अभियान महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 02 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया, परन्तु ‘स्वच्छ भारत’ का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मा गांधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था।

स्वच्छ भारत का उद्देश्य व्यक्ति, क्लस्टर और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को कम करना या समाप्त करना है। स्वच्छ भारत मिशन लैट्रिन उपयोग की निगरानी के जवाबदेह तंत्र को स्थापित करने की भी एक पहल करेगा। सरकार ने 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ तक ग्रामीण भारत में 1.96 लाख करोड़ रुपये की अनुमानित लागत (यूएस डॉलर 30 बिलियन) के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्माण करके खुले में शौंच मुक्त भारत (ओडीएफ) को हासिल करने का लक्ष्य रखा है।

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