अजमेर। अजमेर के वैशाली नगर में पानी की कमी ने लोगों को अपने पानी के ड्रम को लॉक करने के लिए मजबूर कर दिया है और 43 डिग्री सेल्सियस तापमान की स्थिति स्थीनीय लोगों के जीवन को और कठिन बना रही है।
सरकारी जल टैंक पानी के मुख्य स्रोत हैं, लेकिन ये भी दो से चार दिनों के बीच आते हैं, स्थानीय लोगों ने दावा किया। इस क्षेत्र में काफी ऊंचाई पर बने एटेड घरों में पानी की आपूर्ति में बाधा आ रही है, जिससे पानी की चोरी हो जाती है।
एएऩआई से बात करते हुए एक स्थानीय महिला मंजू देवी ने बताया कि पानी बोर्ड से अधिकारी स्थिति की समीक्षा करने के लिए आते हैं। इस तेज गर्मी वाले मौसम ने हमें पानी पाने में बहुत मुश्किल पैदा कर दिया है। जब भी टैंकर आता है, तो यहां पर पानी भरने के लिए एक युद्ध जैसी स्थिति बन जाती है। अगर वे यहां पानी की टंकी बनाते हैं, तो समस्या हल हो जाएगी।
एक अन्य स्थानीय ने दावा किया कि यद्यपि इन घरों में पाइपलाइनों को लगाया गया है, अपर्याप्त दबाव के कारण पानी पूरी तरह ऊपर नहीं चढ़ पाता है जिससे पानी भरने में मुश्किलें आती हैं।
पिछले हफ्ते इसी तरह की स्थिति सामने आई थी, जहां पानी की कमी के चलते राज्य के भीलवाड़ा जिले में स्थानीय लोग पानी के ड्रम को लॉक कर रहे थे।
गौरतलब है कि इस समय तेज गर्मी पड़ रही है और देश में कई जगहों पर पानी की भारी कमी देखी जा रही है। मध्य प्रदेश में पीने के पानी के लिए लोगों को यहां तक कि महिलाओं को कुएं में उतरकर पानी भरना पड़ रहा है। जिससे उनकी जान को भारी खतरा बना रहता है। इसी तरह से हिमाचल में तो पानी पर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। स्कूलों को बंद कर दिया गया है। भारी पानी की कमी ने शिमला में पर्यटन में भी बाधा डाली है और स्थिति से पूरी तरह से न निपट पाने में असफल राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया गया है।
अधिकारियों ने पानी के संकट के मुख्य कारण के रूप में बढ़ता पारा और प्राकृतिक जल संसाधनों को सूखने का हवाला दिया है।