उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद् के निदेशक डॉ. जे सिंह ने कहा की वर्तमान में वायुमंडलीय तापक्रम में वृव्द्धि के कारण अगेती गन्ना प्रजातियों को .0238 और .98014 में ऊपर से गाने की तीसरी और चौथी पत्ती एक अथवा दोनों किनारो में सूखने लगती है। जो इन दोनों प्रजातियों का प्रजातीये लक्षण है और इसको लेकर गन्ना किसान परेशान न हो.
उन्होंने कहा की तापमान की तीव्रता की दशा में दोनों प्रजातियों द्वारा अपनी दैहिकीय क्रिया यथा वाष्पोत्सर्जन आदि क्रियाओं को सुचारु रूप से चलने हेतु पौधे द्वारा खुद कुछ पत्तियों को सूखा दिया जाता है, जिससे पौधे की अन्य क्रियाएं निरंतर चलती रहती है और मानसून काल में यह खुद ही ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया की ऐसा कुछ होने पर किसान परेशान न हो केवल समय समय पर हलकी मृदाओ में 10-12 दिन और भारी मृदाओ में 12-15 दिनों के भीतर सिचाई करते रहें।
निर्देशक ने इन दिनों लगने वाले बेधक कीटों के बारे में बताया कि अंकुर बेधक कीट का असर कुछ जगहों पर दिखाई दे रहा है। इस कीट का लार्वा मटमैले रंग का होता है और इसकी पीठ पर पांच रंग की धारियां होती है और यह गन्ने में छेद करके प्रवेश कर जाता है और गाने को अंदर से सूखा देता है जिस से वो आसानी से खींच जाता है.