भीलवाड़ा। पानी की भारी किल्लत के चलते पानी को लूट से बचाने के लिए राजस्थान के परसरामपुर गांव के स्थानीय लोगों को अपने घरों के बाहर पानी के ड्रम को ताले से बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में तापमान 45 डिग्री के आसपास रहने के साथ, पानी की कमी और सीमित उपलब्धता के साथ स्थानीय लोगों को पानी बचाना एक बड़ा मुद्दा बन गया है।
परसरामपुर गांव के स्थानीय लोगों को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड से एक सप्ताह में एक बार पीने का पानी मिलता है, तो जिसके पास पानी नहीं रहता है वह दूसरे को पानी को चोरी कर लेता है। यही कारण है कि लोग अपने पानी के ड्रम में ताला लगाकर रखते हैं।
एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि पानी की भारी कमी के कारण रात में कई बार पानी की चोरी हुई है। इसलिए, हमने अपने ड्रम में ताले लगाने का फैसला किया है, ताकि पानी को बचाया जा सके।
ऐसी स्थिति में स्थानीय लोग अपने पानी के ड्रम की सुरक्षा करना शुरू कर दिया है और यहां तक कि इसकी कीमते इस समय सोने से भी ज्यादा हो गई है।
हमने कभी ऐसा सोचा भी नहीं था कि एक दिन आएगा, जब लोग पानी लूटेंगे। परिस्थितियों को देखते हुए, यह सोने और चांदी की तुलना में हमारे लिए अधिक मूल्यवान बन गया है।
इतना ही नहीं, पानी के संकट के कारण व्यक्तियों के बीच झगड़े के भी मामले सामने आ रहे हैं।
गांव की एक महिला ने कहा कि पंचायत ने हमें पानी की सुरक्षा करने के लिए ड्रम पर ताले लगाने के लिए कहा है। लोग इस वजह से एक दूसरे के साथ लड़ रहे हैं। अगर हम हर 2-3 दिनों में पानी मुहैया कराएंगे तो ये चीजें नहीं होंगी।
यह स्थिति हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ समेत अन्य भारतीय राज्यों में बनी हुई है।
इसी बीच आज शिमला से खबर आ रही है कि वहां पर भी पानी की भारी कमी हो गई है। राज्य सरकार पानी को राशन की तरह देने का नियम बना रही है और 70 पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। यहां तक कि पहाड़ के लोग सीएम आवास का घेराव कर रहे हैं।