नई दिल्ली। डीजल-पेट्रोल की कीमतें लगातार 16 दिन से बढ़ रही थीं। लेकिन आज ईंधन की कीमतों में एक पैसे की कमी आई है। विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार का मजाक उड़ा रही हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक पैसे की कटौती पर मजाक उड़ाते हुए ट्विटर पर लिखा है कि ‘यह बचकानी हरकत है, जो बेमजेदार है।’
वहीं, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजश्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि तेल की क़ीमतों में ऐतिहासिक “एक पैसा” की भारी भरकम कमी करने की महान उपलब्धि के लिए सरकार कहीं रोड शो तो नहीं कर रहे हैं?
ए बाबू तनी पता कर त……
आपको बता दें, तेल की कीमतें इस समय अपनी ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं, जिसके लिए केंद्र सरकार की चारोंतरफ निंदा हो रही है। कहीं-कहीं पर तो लोग सड़को पर भी उतर रहे हैं। लेकिन सरकार के काम पर जूं नहीं रेंग रहा है। पेट्रोलियम मंत्री देवेंद्र प्रधान का कहना है कि सरकार तेल की कीमतें नीचे लाने पर विचार कर रही है। जल्द ही तेल की कीमतें नीचे आ जाएंगी। कुछ लोग तेल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कर रहे हैं।
तेल की कीमतों पर सरकार का नियंत्रण नहीं है। यह अब तेल कंपनियां तय करती हैं और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के हिसाब से दाम तय किए जाते हैं।
लेकिन जब किसी राज्य में चुनाव होने होते हैं तो अचानक तेल की कीमतें नहीं बढ़ती हैं। उस समय कच्चा तेल कितनी ही ऊंचाई पर क्यों न चला जाए। इससे सरकार की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं।
गौरतलब है कि जब तेल के दाम बढ़ते हैं तो महंगाई अपने आप ही बढ़ने लगती है क्योंकि परिवहन की लागत बढ़ जाती है। जिससे वस्तुओं के दामों में बढ़ोतरी होने लगती है। उसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को आगे आना पड़ता है। यह बताया जाने लगता है कि मार्केट में लिक्विडिटी बड़ गई है, जिसकी वजह से महंगाई बढ़ रही है। लेकिन वास्तविकता तो कुछ और ही होती है।