कुशीनगर का रहने वाला रूस्तम अब महिला बन गया हैं। ज्लद ही वह अपना नाम भी बदलेगा। उसके इस कदम के पीछे वो यह दलिल देता हैं की उसे पुरुषों की रोकटोक, हुक्म चलाने की आदत उसे बुरी लगती हैं, और इसलिए उसने यह कदम उठाया हैं। उसकी इस ख्वाहिश को पूरा किया केजिएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों की टीम नें।
रूस्तम से जब इस बारे में बात की गई तो उसने बताया की यह सब अचानक नहीं हुआ। उसे रात में महिलाओं के कपड़े पहनना, उनकी तरह श्रृंगार करनाअच्छा लगता हैं। रूस्तम हाईस्कूल पास हैं, साथ ही उन्होंने बताया की उन्हे हमेशा से पुरूषों से चिढ़ रहती थी और महिलाओं के बीच अपनापन लगता था।
वहीं केजिएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के हेड प्रो. एके सिंह से बात करने पर पता चला की करीब दो साल ले युवक उवके पास आ रहा था। कई बार उसकी काउंसलिंग भी की गई इसके बावजूद वो अड़िग रहा, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन करने का निर्णय लिया। पहले आठ महिनों कर युवक के शारीरिक ढाचे और आवाज में बदलाव के लिए उसे हार्मोंस थेरैपी दी गई। लेकिन प्रो. एके सिंह का कहना हैं की वह कभी मातृत्व सुख नहीं भोग पाएगा क्योकि सर्जरी से किसी को महिला तो बनाया जा सकता हैं, परंतु गर्भाशय नहीं बनाया जा सकता।