You are here
Home > breaking news > क्या कर्नाटक में असहाय हो गए ‘स्वामी’, जानिए- क्यों कहा कि कांग्रेस से बिना पूछे कुछ नहीं कर सकता

क्या कर्नाटक में असहाय हो गए ‘स्वामी’, जानिए- क्यों कहा कि कांग्रेस से बिना पूछे कुछ नहीं कर सकता

क्या कर्नाटक में असहाय हो गए 'स्वामी', जानिए- क्यों कहा कि कांग्रेस से बिना पूछे कुछ नहीं कर सकता

Share This:

बेंगलुरू। कुमारस्वामी को कर्नाटक मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिए अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है। आज वे प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। जब संवाददाताओं ने उनसे कर्नाटक के विकास के बारे में बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बने हैं। इसलिए बिना कांग्रेस नेताओं से बातचीत किए और उनसे आदेश लिए कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं उनको विश्वास में लिए बिना कुछ नहीं कर सकता हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे समर्थन दिया है। मैं कर्नाटक का विकास करना चाहता हूं, वह एक अलग मामला है।


आपको बता दें, अभी 12 मई को कर्नाटक में चुनाव हुए और 15 मई को नतीजे आए। जिसमें किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। बहुमत के लिए 112 सीटों की आवश्यकता थी, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को 104 सीटें, कांग्रेस को 78 सीटें और जेडीएस को 38 सीटें ही मिलीं। इसके अलावा तीन सीटें अन्य के खाते में गईं। इसके अलावा कुमारस्वामी दो सीटों से चुनाव जीतकर आए थे, तो एक सीट से इस्तीफा भी देना पड़ा। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी सीटों से चुनाव लड़े थे, जिसमें एक सीट से वे चुनाव हार गए थे।

यह भी पढ़ेंः RSS कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक चुनाव जीतने में बहुत मदद की : राम माधव

किसी को स्पष्ट बहुमत न मिलने और भाजपा के सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कर्नाटक के राज्यपाल ने भाजपा नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करके उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। जिसके बाद कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को थोड़ा राहत जरूर मिल गई। बहुमत साबित करने के वक्त को कम करके महज 28 घंटों का समय दिया गया। जिसके बाद येदियुरप्पा अपना बहुमत साबित करने से पहले ही राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया।

यह भी पढ़ेंः कर्नाटक चुनाव तो सिर्फ झांकी है, 2019 का आम चुनाव अभी बाकी है: नारा लोकेश

उसके बाद गठबंधन के नेता कुमारस्वामी को सीएम पद की शपथ दिलाई गई और वे सदन में अपना बहुमत भी आसानी से साबित कर दिए हैं। इसके साथ ही स्पीकर भी कांग्रेस पार्टी से चुन लिया गया।

Leave a Reply

Top