आज 13वें दिन लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा हुआ, जिसने आम जनता कि आर्थिक स्थिति की रीड़ पर एक और चोट मारी है। जैसे फिलहाल भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं ठीक वैसे ही सन् 2000 में जर्मनी में भी ऐसा ही हुआ था. जिसके बाद जर्मनी की जनता ने तंग आकर एक ऐसा कदम उठाया जिससे सरकार को झुकना पड़ा और रातों-रात दामों को कम किया गया. दरअसल लोगों ने अपनी गाड़ियों को सड़कों पर छोड़कर प्रदर्शन किया था. जर्मनी की राजधानी बर्लिन में करीब 4 हजार गाड़ियां रोड पर खड़ी हुई थीं. भारी मात्रा में गांव के लोगों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
अब सोचना यह है कि क्या भाजपा सरकार भी जनता से किसी ऐसे ही कदम की उम्मीद कर रही है। क्योंकी सरकार की तरफ से बढ़े हुए दामों पर केवल बयान आ रहे हैं लेकिन कोई भी कदम आम जनता के हक मे नही लिया जा रहा।
फिलहाल इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मुताबिक लागू किए गए नए दामों के बाद