नई दिल्ली। आज जब नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी सरकार केंद्र में चार साल पूरे करेगी और चारोंतरफ जस्न का आलम रहेगा, तो कांग्रेस पार्टी इसको विश्वासघात दिवस के रूप में मनाएगी।
गुलाम नबी आजाद, अशोक गेहलोत और रणदीप सुरजेवाला जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं द्वारा राजधानी सहित 20 विभिन्न शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किए जाएंगे।
अन्य स्थानों पर, राज्य इकाई के अध्यक्ष और एआईसीसी के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे। जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन के लिए राज्य इकाइयों से भी कहा गया है।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी क्रमशः भुवनेश्वर और मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेंगे।
ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी के चलते कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल, अखिल असम छात्र संघ (एएएसयू), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बिजू जनता दल (बीजेडी) ने देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया।
गौरतलब है कि 26 मई 2014 को पीएम मोदी ने शपथ ली थी। कांग्रेस का कहना है कि देश में अव्यवस्था का आलम है और चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। पीएम ने चुनाव के दौरान जनता से जो वादे किए थे वे पूरे नहीं हुए। देश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया है। देश की जनता को ठगा गया है। देश में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहे हैं। देश में किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। विकास के काम ठप्प पड़ गए हैं। आज तक इस सरकार का एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया गया है। अगर कोई कार्य पूरा होना बताया जा रहा है तो वह आधा- अंधूरा ही है। इसके साथ देस को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। लोगों के अंदर भय का माहौल है। जाति के नाम पर लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। दलितों के ऊपर अत्याचार बढ़े हैं।
यह सरकार किस मुगालते में है और क्यों जश्म मनाया जा रहा है। यह समझ से परे है।