डीसी विनय प्रताप गुरुग्राम के लघु सचिवालय में विभिन्न निजी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, इस बैठक मे कुछ निजी विद्यालयों के प्रमुखों ने उपायुक्त को बताया कि कुछ अभिभावकों द्वारा गलत दस्तावेज के आधार पर दाखिला करवाया जा रहा है। इस पर उपायुक्त ने कहा कि निजी विद्यालयों को हरियाणा विद्यालय शिक्षा अधिनियम-2003 के नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को अपने विद्यालयों में दाखिला देना अनिवार्य है यदि विद्यालय प्रबंधन को लगता है कि इस नियम को लेकर लोगों द्वारा फर्जीवाड़ा कर अपने बच्चों का एडमिशन करवाया जा रहा है तो वो इसकी शिकायत 31 मई तक प्रमाण के साथ शिक्षा विभाग में दे सकते हैं।
नियमानुसार स्कूल को 10 प्रतिशत गरीब परिवारों के बच्चों को एडमिशन देने का प्रावधान है ताकि गरीब प्रतिभाशाली और मेधावी बच्चे भी निजी स्कूलों में अन्य विद्यार्थियों की तरह शिक्षा प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कतई इस हक में नही है कि लोग फर्जीवाड़ा कर (इकनोमिक वीकर सैक्शन) इडब्ल्यूएस कैटेगरी में अपने बच्चों का एडमिशन करवाएं लेकिन पात्र बच्चों को निजी विद्यालयों में शिक्षा पाने का अधिकार है।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक