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गुरुग्राम: भयंकर गर्मी से बचाव के लिए प्रशासन ने बनाया कंट्रोल रूम

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गुरुग्राम। जिला प्रशासन द्वारा गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा अन्य राहत कार्यों की जरूरत के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका नंबर 0124-2322877 है।

उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बढ़ती गर्मी से बचाव के लिए आमजन को दैनिक जीवन में एहतियात बरतने की सलाह देते हुए कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति तथा अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध करवाने के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा कंट्रोल रूम लघु सचिवालय में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मौसम में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के अलावा गर्मी की वजह से किसी इलाके में बीमारी आदि फैलने की आशंका रहती है, जिसकी सूचना कंट्रोल रूम में दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पेयजल में पर्याप्त मात्रा में क्लोरीन डाले ताकि पीने के पानी से होने वाली बिमारियों जैसे दस्त लगना या हैजा आदि से बचा जा सके। उन्होंने आम जनता को भी सलाह  दी है कि कहीं भी उन्हें पेयजल आपूर्ति की लाईन में लीकेज नजर आए तो उसके बारे में जिला प्रशासन को अवश्य सूचित करें ताकि उसे समय पर ठीक करवाया जा सके। आमतौर पर लाईन में लीकेज से ही गंदा पानी पेयजल आपूर्ति की लाइन में चला जाता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे विद्यार्थियों को गर्मी के मौसम के लिए ‘डूज और डोन्ट्स’ के बारे में बताएं और उनसे कहें कि वे घर जाकर अपने सभी परिवार के सदस्यों को पढकर सुनाएं ताकि सभी लोग गर्मी से बचाव के बारे में जागरूक हो सकें । उपायुक्त ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को भी जरूरी जिम्मेदारियां निभाने के निर्देश भी दिए हैं।

उपायुक्त ने कहा कि बढ़ते तापमान के मद्देनजर यदि सावधानी न बरती जाएं तो गर्म हवाओं व लू से शारीरिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। लू के प्रभाव को कम करने तथा गर्मी के स्ट्रोक से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी पर अमल करने से कारगर बचाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि गर्मी के कारण हमारे शरीर में पानी की मात्रा तेजी से कम होती है, इसलिए पूरे दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पियें, प्यास महसूस न हो तब भी पानी पियें। इससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और हम डी-हाइड्रेशन के शिकार होने से बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय मौसम की भविष्यवाणी के लिए समाचार पत्र पढ़ें, रेडियो सुनें और टीवी देखें, जिससे गर्म हवाओं व लू के आने के बारे में सूचना मिल सके।

धूप में बाहर जाने के दौरान हल्के रंगो के, ढीले फिटिंग के तथा सूती कपड़े पहनें। सुरक्षात्मक चश्में, छाता, पगड़ी, दुपटटा, टोपी, जूते या चप्पलों का उपयोग करें। यात्रा करते समय पानी जरूर साथ में रखें। यदि आप बाहर काम करते हैं तो टोपी या छाते का उपयोग करें तथा अपने सिर, गर्दन, चेहरे और अंगो पर नम कपडा रखें। शरीर को पुन: हाइड्रेट करने के लिए ओ0आर0एस का घोल, घर का बना पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, छाछ आदि का प्रयोग करें।

गर्मी के स्ट्रोक, गर्मी के दाने या गर्मी से ऐंठन, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, मितली और दौरे के लक्षणों को पहचानें तथा यदि आप बेहोशी या बीमार महसूस कर रहें हैं तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें। जानवरों को छाया में रखें ओर उन्हें पीने का पर्याप्त पानी दें। अपना घर ठंडा रखें। दिन के दौरान पर्दे, शटर का उपयोग करें। रात में खिडकियां खुली रखें। पंखों, नम कपडों का प्रयोग करें। ठंडे पानी से स्नान करें। कार्यस्थल के पास ठंडे पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

उपायुक्त ने कहा कि पार्किंग में खड़े किये गए वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को बिल्कुल न छोडें़। दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर जाने से बचें। भारी, काले व तंग कपडे पहनने से बचें। तापमान अधिक होने की स्थिति में मेहनत का कार्य करने से बचें। दिन के गर्म समय में खाना पकाने से बचें व खाना बनाते समय दरवाजे और खिडकियों खोलकर रखें। शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें जो शरीर में पानी की कमी करते हैं। उच्च प्रोटीनयुक्त व बासी भोजन न खायें। उन्होंने लोगों को गले-सड़े तथा खुले में रेहडिय़ों पर रखे कटे हुए फल नहीं खाने की सलाह भी दी है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ऐसे फलों की बिक्री करने वालो पर सख्ती करने के आदेश भी दिए हैं।

उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि आमजन को गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। निर्माण कार्य व बाहर खुले में कार्य करने वाले श्रमिकों को प्रत्यक्ष सूर्य के समक्ष होने वाले कार्यों से बचायें और सभी कामगार सिर ढककर ही कार्य करें। श्रमयुक्त कार्य दिन के ठंडे समय के दौरान ही करवाए जाएं। बाहरी गतिविधियों के दौरान आराम के समय को बढायें। गर्भवती महिलाओं, मजदूरों का चिकित्सकीय परामर्श की स्थिति में अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। उन्होंने डीडीपीओ व बीडीपीओ को निर्देश दिए कि वे गांवों में पशुओं के लिए जोहड़ों में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हर क्षेत्र में आमजन के लिए समुचित पेयजल मुहैया करवाने की हिदायतें जारी की हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के राजस्व तथा आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने चण्डीगढ़ से वीडियो कॉन्फे्रंसिंग के माध्यम से मण्डल आयुक्तों तथा उपायुक्तों को इन दिनो पड़ रही भीषण गर्मी से बचाव के लिए आम जनता को एडवाईजरी जारी करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान उनके साथ बिजली निगमों के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी के दास, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर आर जोवल तथा उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल भी थे। इस वीडियों कॉन्फेंरसिंग में गुरुग्राम में मण्डलायुक्त डा. डी सुरेश, उपायुक्त विनय प्रताप सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त आर के सिंह भी अधिकारियों की टीम के साथ उपस्थित थे। डा. डी सुरेश ने श्रीमति अरोड़ा को गुरुग्राम मण्डल में पेयजल आपूर्ति, बिजली आपूर्ति आदि की स्थिति के बारे में अवगत करवाया था।

हिन्द न्यूज टीवी के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक

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