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ममता, चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्त की इच्छा, कुमारस्वामी के साथ मिलकर करेंगे काम

ममता, चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्त की इच्छा, कुमारस्वामी के साथ मिलकर करेंगे काम

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बेंगलुरू। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उनके समकक्ष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एचडी कुमारस्वामी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की, जो आज कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

उन्होंने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हम यहां एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने और उनके साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आए हैं। भविष्य में, हम राष्ट्रीय हितों की रक्षा और प्रचार के लिए मिलकर काम करेंगे और हम सभी क्षेत्रीय दलों को मजबूत करने के लिए यहां आए हैं।

इस बीच, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार और समाजवादी पार्टी (एसपी) के प्रमुख अखिलेश यादव भी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए बेंगलुरु पहुंचे।

शपथ ग्रहण में पुष्टि करने वाले उपस्थित लोगों में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके केरल समकक्ष पिनाराय विजयन, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में साक्षी के तौर पर उपस्थित रहेंगे।

अन्य मेहमानों में राष्ट्रीय लोक दल के संस्थापक अजीत सिंह (पूर्व केंद्रीय मंत्री), अभिनेता से राजनेता बने और मक्कल सुधी माईम के के संस्थापक कमल हासन और लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव का नाम शामिल है।

आपको बता दें, कर्नाटक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्यपल ने पहले येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ दिला दी थी, लेकिन गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसके बाद बहुमत साबित करने का समय घटाया गया। जिसके बाद वे अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए, जिसकी वजह से उनको इस्तीफा देना पड़ा। अब जेडीएस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन रही है तो विपक्ष को एकजुटता दिखाने का मौका मिल गया है। यहां पर इकट्ठा होकर वे भाजपा को यह बताना चाहते हैं कि 2019 के लिए हम कमर कसने को तैयार हैं। अगर यह एकजुटता 2019 के आम चुनाव तक कायम रह जाती है तो भाजपा के लिए 2019 की राह आसान नहीं होगी।

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