हरियाणा में कर्मचारी संगठनों की तरफ से उठाई जा रही ‘समान काम-समान वेतन’ की मांग और विपक्ष के दबाव के बीच राज्य की खट्टर सरकार ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। पिछले13 दिनों से हड़ताल पर चल रहे पालिका कर्मचारियों की मांगों में समान काम-समान वेतन भी अहम है। इस मुद्दे पर सोमवार को वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय मीटिंग हुई।
इस बैठक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन, मुख्य सचिव डीएस ढेसी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव टीवीएसएन प्रसाद, निकाय विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, एलआर कुलदीप जैन व एडवोकेट जनरल के प्रतिनिधि मौजूद रहे।करीब दो घंटे चली इस बैठक में समान काम-समान वेतन के अलावा कोर्ट के फैसलों और कानूनी पहलुओं पर भी विचार-विमर्श हुआ।
हालांकि समान काम-समान वेतन पर किसी तरह का कोई फैसला नहीं हो सका है, लेकिन आगामी लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार जल्द ही कोई निर्णय कर सकती है। बैठक में प्रदेशभर आउटसोर्स नीति पार्ट-। और पार्ट-।। के अलावा, कांट्रेक्ट आदि आधार पर कार्यरत कर्मचारियों की कुल संख्या पर भी चर्चा हुई।
बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि अगर राज्य में इसे लागू किया जाता है तो इससे सालाना कितना वित्तीय बोझ पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव से इस संदर्भ में पूरी रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है ताकि सरकार को कुछ भी सिफारिश करने से पहले हर पहलू पर बारीकी से मंथन किया जा सके। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ‘समान काम-समान वेतन’ को लेकर पहले ही फैसला दिया जा चुका है। विगत दिवस ही हरियाणा सरकार ने हायर एजुकेशन में समान काम-समान वेतन लागू करने का ऐलान भी किया था।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक