चंडीगढ़। राष्ट्रमंडल खेलों में देश की झोली में 22 पदक डालने वाले हरियाणा के खिलाडिय़ों को सम्मानित करने के लिए अब कोई राज्य स्तरीय सम्मान समारोह नहीं होगा। दूसरे राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के लिए खेल रहे 13 पदक विजेताओं को भी सरकार इनाम के नाम पर एक पैसा नहीं देगी। बाकी नौ पदक विजेता खिलाडिय़ों की सम्मान राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी। इसके लिए भी उन्हें एक साल का इंतजार करना पड़ सकता है।
सरकार के इस फैसले से एक बार फिर सियासी घमासान की जमीन तैयार हो गई है। कई खिलाडिय़ो ने फैसले के विरोध में आवाज उठाई है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला भी खिलाडिय़ों के समर्थन में उतर आए हैं।
तीन दिन पहले सोनीपत में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की थी कि खिलाडिय़ों को पुरानी खेल नीति के अनुसार सम्मानित किया जाएगा। यानी कि सभी पदक विजेताओं को पूरा पैसा मिल सकता है। इसके उलट खेल मंत्री अनिल विज ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रमंडल खेलों के विजेताओं के सम्मान में अब राज्य स्तरीय सम्मान समारोह नहीं होगा। खेल नीति में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों या सार्वजनिक उपक्रमों की ओर से खेल रहे खिलाडिय़ों को इनाम देने की कोई व्यवस्था नहीं है।
खेल मंत्री विज ने स्पष्ट किया कि हरियाणा का डोमिसाइल होने और प्रदेश की ओर से खेलने पर ही नकद इनाम दिया जा सकता है। विज के इस दावे के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले 13 खिलाड़ी सम्मान राशि हासिल करने के दायरे में नहीं आते। इतने ही खिलाड़ी सम्मान राशि काटकर दिए जाने का खुला विरोध कर रहे थे।
सम्मान राशि के विवाद में सरकार के फिर पलटी मारने से साफ हो गया कि पदक विजेता पहलवान विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया, सुमित मलिक, साक्षी मलिक व मुक्केबाज मनोज कुमार सहित सभी तेरह खिलाडिय़ों को नकद इनाम से महरूम होना पड़ सकता है। अब केवल हरियाणा की ओर से खेलकर पदक जीतने वाले नौ खिलाडिय़ों और 16 प्रतिभागियों के खाते में ही इनामी राशि जाएगी। स्वर्ण पदक विजेता को डेढ़ करोड़, रजत पदक पर 75 लाख व कांस्य पर 50 लाख के अलावा सभी प्रतिभागी खिलाडिय़ों को साढ़े सात लाख रुपये दिए जाएंगे।
यह था खिलाडिय़ों व सरकार के बीच टकराव का कारण
राष्ट्रमंडल खेलों में हरियाणा के कुल 38 खिलाडिय़ों ने भाग लिया जिनमें 22 ने पदक जीते। पहले सरकार ने सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को सम्मानित करने के लिए पंचकूला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी फिक्स कर दिया था। परंतु खिलाडिय़ों को मंत्रालयों से मिली राशि काटकर पुरस्कार देने के फैसले के विरोध के चलते कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा।
हरियाणा से खेलने वाले को ही इनाम
“खिलाडिय़ों के इनाम के लिए बनाई नई नीति में अब केवल प्रदेश का डोमिसाइल रखने और हरियाणा की तरफ से खेलने वालों को ही इनाम राशि दी जाएगी। पहले केंद्रीय मंत्रालयों या सरकारी कंपनियों के खिलाडिय़ों को विभाग से मिली राशि काटकर बाकी पैसा देने का प्रावधान था। खिलाडिय़ों के इंकार करने पर मुख्यमंत्री ने अब केवल हरियाणा की तरफ से खेलने वाले खिलाडिय़ों को ही इनाम देने की नई पॉलिसी बनाई है। -अनिल विज, खेल मंत्री, हरियाणा,
जबकि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार खिलाडिय़ों का हक मार रही है। हमारी सरकार में खिलाड़ी की माता या पिता के हरियाणा का होने पर भी उसे सम्मानित किया गया। इसके उलट भाजपा सरकार ने पुरस्कारों की राशि ही हड़प कर ली। यदि फिर सत्ता में आए तो खेल कोटे से खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरियां देते रहेंगे और पुरस्कार भी राशि बढ़ाकर दी जाएगी।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए चंडीगढ़ से अभिषेक