बेंगलरु। जेडीएस और कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि उन्हें किसी बात की जल्दबाजी नहीं है। वे इत्मीनान से राज्यपाल के बुलावे का इंतजार करेंगे। यह बात उन्होंने येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद विधानसभा से बाहर आने के बाद कही।
बता दें, एचडी कुमार स्वामी जेडीएस-कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी पार्टी के 37 और कांग्रेस के 78 विधायक चुनाव जीतकर आए हैं। इनकी संख्या 115 है। इसके अलावा इनके पास तीन अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इस तरह से इनके पास कुल 118 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसी संख्या बल के आधार पर इन्होंने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था, लेकिन राज्यपाल ने इनका दावा ठुकरा दिया और राज्य की सबसे बड़ी पार्टी जिसके पास बहुमत नहीं था, उसको बुलाकर सरकार बनवा दी। जिसको गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 19 मई को ही बहुमत साबित करने का निर्देश दे दिया। उसके बाद ही भाजपा की नैतिक हार हो गई। रही बात बहुमत साबित करने की तो उससे पहले ही येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया।
अब गठबंधन को सरकार बनाने का न्यौता मिलता है या फिर राज्यपाल कोई दूसरी चाल चलते हैंय़ यह देखना बाकी है।
गौरतलब है कि कांग्रेस-जेडीएस की इस जीत से कांग्रेसियों खासकरके पूरे विपक्ष को जो भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन सबको नैतिक बल मिलेगा। यहां तक कि आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के चुनावों में कांग्रेस का आत्मविश्वास का स्तर और खासकरके राहुल गांधी के आत्मविश्वास के स्तर में काफी इजाफा होगा।
इसके बाद से 2019 की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी के लिए इतनी आसान नहीं होगी। कर्नाटक की नैतिक विजय के बाद सभी विपक्षा एकजुट होकर चुनाव लड़ने की कोशिश करेंगे। चूंकि जेडीएस-कांग्रेस एक साथ आ गये हैं तो ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि कुमारस्वामी के पिताजी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा विपक्ष को एकजुट करने में अहम भूमिका निभायें।