You are here
Home > राजनीति > मोदी का विपक्ष देगा दिखाई, कर्नाटक के शपथ समारोह में

मोदी का विपक्ष देगा दिखाई, कर्नाटक के शपथ समारोह में

Share This:

बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के 55 घण्टे बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे से पहले येदियुरप्पा ने विधानसभा में भावुक भाषण दिया, जिसमें उन्होने कही कि वह अपनी आखिरी सांस तक किसानों और कर्नाटक की जनता के लिए काम करते रहेंगे। इस इस्तीफे के साथ ही कुमारस्वामी के मुख्यमंत्री पद के लिए दरवाजे खुल गए। राज्यपाल से मिलने के बाद कुमारस्वामी ने कहा की वो सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

कर्नाटक में येदियुरप्पा के इस्तीफे के साथ ही विपक्षी पार्टियों में कुमारस्वामी को बधाई देने की होड़ सी लग गई। मायावती ने अपने बयान में कहा की “यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका हैं, और मुझे लगते है कि 2019 को लेकर उनकी सारी योजनाएं बेकार हो गई हैं। उन्हें अपनी रणनीतियों को लेकर दुबारा सोचना होगा”। तो एनडीए से अलग हुए टीडीपी के नेता मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा “हर कोई इस घटना से खुश होगा। प्रधान मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष ने लोकतंत्र को तोड़ने की पूरी कोशिश की। भ्रष्टाचारियों को प्रोत्साहित करके उन्होंने क्या संदेश दिया? बीजेपी ने जनार्दन रेड्डी को सबसे आगे लाया और राजनीति की”

सोमवार को कुमारस्वामी 12-1 बजे के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। यह शपथ समारोह कई माईनो में खास होगा। इस शपथ समारोह के मंच से 2019 के लोकसभा के चुनावों को साधा जाएगा, बीजेपी को एक संदेश भेजा जाएगा की पूरा विपक्ष एक हैं, आम जनता को संदेश देने की कोशिश होगी की देश में अब कोई मोदी लहर नहीं हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में पूरा विपक्ष एक ही मंच पर नजर आएगा अखिलेश, ममता और केसीआर भी शपथ समारोह में शामिल होगें, जबकि खुद कुमारस्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी को भी आने का न्योता दिया हैं।

येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद से ही कांग्रेस में जश्न का माहौल हैं, इसी जश्न के बीच में संजय निरूपम ने एक विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा “इश देश में वाफदारी का नया किर्तीमान स्थापित किया हैं वाजुभाई वाला (# कर्नाटक राज्यपाल) जी ने, अब शायद हिंदुस्तान का हर आदम अपने कुते का नाम वाजुभाई वाला ही राखेगा क्योकि इस से ज़्यादा वफादार तो कोई हो ही नही सकता”। जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेक ने कहा “कांग्रेस संस्थानों का सम्मान नहीं करती हैं, और यह कथन इसका सबूत है। क्या यह राज्यपाल के पद की ओर सम्मान दिखाता है”।इन सबके बीच एक बात तो साफ हैं की आने वाले दिनों में भी कर्नाटक का नाटक थमने वाला नहीं हैं।

Leave a Reply

Top