साइबर सिटी में नमाज पर मचा बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। खुले में नमाज का विरोध करने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ डासना माता मंदिर की महंत चेतना सरस्वती गुरुग्राम पहुंची। महंत ने अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया और खून से पत्र लिखकर उपायुक्त से खुले में नमाज पर रोक लगाने की मांग करी।
आपको बता दें कि इससे पहले महंत चेतना सरस्वती के गुरू यति नरसिंघानंद सरस्वती ने गुरुग्राम में एक प्रेस कांफ्रेस के जरिए खुले में नमाज नहीं रोकने पर सीएम आवास पर 20 मई को आत्मदाह की घोषणा की थी। समझा जा रहा है कि गुरु की घोषणा के बाद उनकी शिष्या चेतना सरस्वती साइबर सिटी पहुंची तो खून से पत्र लिखकर खुले में नमाज पर अपना विरोध जताया।चेतना सरस्वती ने अपने समर्थकों के खून से एक पत्र तैयार कर गुरुग्राम के जिला उपायुक्त को दिया और मुस्लिम समाज द्वारा खुले में नमाज़ अदा करने का विरोध जताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा उनके गुरू यति नरसिंघानंद के आत्महदाह के बाद होने वाली धर्मपंचायत में सरकार को परिणाम भुगतने के लिए सीधी-सीधी धमकी भी दी।वहीं, चेतना सरस्वती ने कहा कि सरकार तुष्टिकरण की राजनीति को बंद करे और खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाए। संत इतने कमजोर नहीं हुए हैं और वो अपना सर्वोच्च बलिदान देने को तैयार हैं। अगर सरकार खुले में नमाज नहीं रोक सकती है तो यति नरसिंघानंदके आत्मदाह को भी रोकने का प्रयास न करें। उन्होने कहा कि हमारा विरोध नमाज को लेकर नहीं है, हमारा तो सिर्फ खुले में नमाज पढ़ने का विरोध है। इतनी बड़ी संख्या में यहां आए मुसलमानों की जांच होनी चाहिए। वही,प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि अब हिंदुस्तान में संतों का क्षेत्र कब से तय होने लगा। मुसलमानों की बढ़ती संख्या से हमारी बहनबेटियों को भी खतरा होने लगा है। पूरे देश के संत इसको सहन नहीं करेंगे।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से अभिषेक