शिक्षक शिक्षा और छात्रों के प्रति पूरी सत्य निष्ठा के साथ कार्य करें तो शिक्षा में सुधार करना कोई बड़ी बात नहीं है। यह उसकी इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है। अगर शिक्षा छात्र पर मेहनत करता है और उसे स्कूल तक लाता है तो निश्चय ही छात्र पढ़ाई में अपनी रुचि दिखाएगा। इसी को लेकर विद्यार्थियों को स्कूल से जोडऩे के लिए सात दिवसीय “स्टूडेंट मोटिवेशन कार्यक्रम” में पसीना बहा रहे हैं फिरोजपुर नमक स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला के अध्यापक वेदप्रकाश।
राजकीय प्राथमिक पाठशाला फिरोजपुर नमक में सभी ग्रामीणों, समाज और बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने और रुचि पैदा करने के लिये स्कूल अवधि पूरा होने के बाद डेढ़ घंटे की स्टूडेंट मोटिवेशन क्लास 9 मई से लेकर 17 मई तक के सात कार्य दिवसों में अध्यापक वेद प्रकाश द्वारा स्कूल प्रांगण में ही लगाई गई। स्कूल समय के पूरा होने तक स्कूल के कार्य पूरा करते हुए और इस मोटिवेशनल कार्यक्रम में आने के लिए प्रेरित करते व शाम को इस मोटिवेशनल कार्यक्रम में सभी बच्चों के साथ विभिन्न रुचिपूर्ण, क्रियाशील गतिविधियों में बच्चों को शामिल करते हुए उनकी रुचि पैदा कर उनको गिनती, पहाड़े, इंग्लिश कॉउंटिंग, हिंदी और अंग्रेजी वर्णमाला, सप्ताह और महीने के नाम, फलों, सब्जियों, पशुओं, रंगों और शरीर के अंगों के नाम, सामान्य ज्ञान आदि आधारभूत बातों की जानकारी भी दी गई। पाठ्यक्रम और सामान्य जीवन से जुड़ी हुई रोचक और ज्ञानवर्धक कहानी भी बच्चों को न केवल सुनाई गई, बल्कि बच्चों ने भी अपने जीवन से सम्बंधित विभिन्न घटनाओं और अनुभवों को अध्यापक के साथ सांझा किया। अध्यापक प्रतिदिन स्कूल की छुट्टी के बाद घर न जाकर स्कूल में ही रूककर बच्चों को प्रतिदिन इस अतिरिक्त टाइम की क्लास में पढ़ाने से संबंधित क्रियाओं की रूपरेखा तैयार करते और फिर मोटिवेशनल कक्षा में बच्चों के साथ सांझा भी करते।
इस मोटिवेशनल कक्षा के प्रति काफी रुझान बच्चों और उनके माता पिता में देखने को मिला। इस रूझान का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि बच्चों की उपस्थिति न केवल सराहनीय रही, बल्कि कई बार तो उनके अभिवावक भी रुककर बच्चों के साथ इन क्रियाओं में शामिल होने लगे। अध्यापक वेद प्रकाश ने इन सातों कार्य दिवसों में आने वाले बच्चों की उपस्थिति भी नोट की और बच्चों को लगातार स्कूल में आने के लिये प्रेरित भी किया। अध्यापक वेद प्रकाश ने बताया कि उनके दिमाग ने यह विचार कई दिनों से चल रहा था कि स्कूल से घर जाने के बाद बच्चे कई बार अपने ग्रामीण माहौल में इतना डूब जाते हैं कि उन्हें हर रोज जो टीचर द्वारा कक्षा में पढ़ाया जाता है, उसे वे भूलने लग जाते हैं। बच्चों के अभिवावकों में शिक्षा की जागरूकता नहीं होने के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी कम हो जाती है। इन दोनों बातों का ध्यान रखते हुए और इनमें सुधार करने के लिये स्कूल में ही स्कूल समय के पूरा होने के बाद इस तरह का मोटिवेशनल कार्यक्रम करने का विचार उनके मन में आया।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से अभिषेक