नई दिल्ली। बीएस येदियुरप्पा के शपथ लेने पर पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि येदियुरप्पा ने कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई आर वाला को जो पत्र सौंपा है वही उनके भाग्य को फैसला करने के लिए पर्याप्त है।
येदियुरप्पा ने जो पत्र राज्यपाल को सौंपा है, उसमें 104 से अधिक विधायकों की संख्या का कोई उल्लेख नहीं है।
राज्यपाल के निमंत्रण में किसी भी संख्या का उल्लेख नहीं है। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करके यह जानकारी दी है।
चिदंबरम का बयान बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायिका दल के नेता येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने के बाद आया, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जो आवश्यक बहुमत से कम है।
बता दें, येदियुरप्पा को शपथ ग्रहण को रोकने के लिए जेडीएस और कांग्रेस की तरफ से बुधवार की देर रात राज्यपाल के फैसले के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अपील की गई। जिसमें कहा गया कि राज्यपाल का यह फैसला नियमों के विरुद्ध है। भाजपा के पास बहुमत के आंकड़े नहीं है। इसलिए येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोका जाना चाहिए। सुबह साढ़े पांच बजे सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि हम शपथ ग्रहण को नहीं रोक सकते हैं और न ही राज्यपाल को नोटिस जारी कर सकते हैं। हां इतना जरूर कह सकते हैं कि सीएम को 15 दिनों के अंदर सदन के पटल पर बहुमत साबित करना होगा।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) द्वारा दायर याचिका को खारिज नहीं किया, और इस मामले में शुक्रवार को सुबह 10:30 बजे सुनवाई करने के लिए कहा। इस बीच कोर्ट ने येदियुरप्पा से उनके नंबर्स भी मांगें हैं।
इसके लिए चिदंबरम ने ट्वीट किया, मैं सुप्रीम कोर्ट को सलाम करता हूं। अगर मैं श्री येदियुरप्पा की जगह होता तो मैं शुक्रवार, 18 मई को 10:30 बजे सुनवाई तक शपथ नहीं लेता।