नई दिल्ली। काफी जद्दोजहद के बाद बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। येदियुरप्पा तीसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं।
गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा के के पास आवश्यक आंकड़े नहीं थे। वहीं, कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन ने राज्यपाल को पूर्ण बहुमत से अधिक विधायकों की सूची सौंपी थी, लेकिन राज्यपाल ने गठबंधन को मौका न देकर येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इस पर केंद्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कड़ा ऐतराज जताया है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि जब इस तरह की बातें होती हैं तो लोग यह कहते हुए सुने जाते हैं कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है, तो हत्या किसकी होगी? संजय राउत ने बहुत ही गंभीर सवाल देश के लोकतंत्र पर खड़े किए हैं।
आपको बता दें, कर्नाटक में मंगलवार को चुनाव के नतीजे आए। जिसमें भारतीय जनता पार्टी 104 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 78 विधायकों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी और 38 विधायकों के साथ जेडीएस तीसरे नंबर पर रही।
नतीजे आने के तुरंत बाद ही कांग्रेस ने बिना किसी चूक किए, तुरंत ही जेडीएस को अपना समर्थन देना का ऐलान कर दी। जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने उनकी बात मान ली औऱ 118 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंप दी। उसके बाद भी राज्यपाल ने गठबंधन को मौका न देकर भाजपा को सरका बनाने के लिए आमंत्रित किए। तर्क यह दिया गया कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है तो उसको सरकार बनाने का मौका क्यों न दिया जाए?
उसके बाद देर रात जेडीएस-कांग्रेस की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करने के लिए अर्जेंट अपील की गई कि बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद की शपथ लेने से रोका जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट रात भर खुला रहा। केस पर सुनवाई चलती रही। सुबह साढ़े पांच बजे सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भाजपा सबसे बड़ी पार्टी लिहाजा उसे सरकार बनाने का आमंत्रण मिलना बुरा नहीं है और सुप्रीम कोर्ट राज्यपाल को नोटिस नहीं भेज सकता है। हां, यह जरूर है कि 15 दिनों के अंदर उनको सदन के अंदर अपना बहुमत साबित करना होता।
बीएस येदियुरप्पा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनने पर तमाम पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रियायें आ रही हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के इतिहास में आज के दिन को काला दिन बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता भले ही आज जश्न में डूबे हों, लेकिन देश आज लोकतंत्र की हत्या पर शोक मनाएगा।
उधर, कांग्रेस के नेता राजभवन के इस फैसले पर धरने पर बैठ गए हैं। जिसमें सभी विधायक और कई सांसद भी शामिल हैं। सिद्धरमैया ने कहा है कि भाजपा संविधान के विरुद्ध कार्रवाई कर रही है। जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।