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राज्यपाल के फैसले पर रामजेठ मलानी ने SC में दाखिल की य़ाचिका, सुनवाई कल

कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले पर रामजेठ मलानी ने दाखिल की य़ाचिका, कल होगी सुनवाई

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नई दिल्ली। कर्नाटक चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 104 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, तो भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद से उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने राजभवन जाकर सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। चूंकि भारतीय जनता पार्टी राज्य में सबसे बड़़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसलिए उनका दावा भी मजबूत था, लेकिन उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं था। दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे नंबर जेडीएस थी।

चुनाव के नतीजे आते ही कांग्रेस बिना किसी चूक के तुरंत ही जेडीएस को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। दोनों पार्टियों के विधायकों की संख्या बहुमत से आगे निकल गई और उनकी संख्या 118 हो गई। दोनों पार्टियों के नेताओं ने अपना समर्थन पत्र भी राज्यपाल को सौंपा। लेकिन राज्यपाल ने अपने विवेकाधिकार का प्रयोग करके भाजपा को सरकार बनाने का न्यौता दिया।

राज्यपाल के फैसले को कांग्रेस-जेडीएस ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और अपील की कि उनके पास नंबर्स हैं और भाजपा के पास नंबर्स नहीं हैं, लिहाजा राज्यपाल के फैसले पर रोक लगायी जानी चाहिए। लेकिन शीर्ष अदालत ने राज्यपाल के फैसले पर रोक लगाने से मना कर दिया। लेकिन याचिका खारिज नहीं की। शुक्रवार सुबह 10 बजे सुनवाई के लिए समय तय कर दिया।

भाजपा को अपने नंबर्स बताने का आदेश भी दिया और कहा कि हम राज्यपाल को नोटिस जारी नहीं कर सकते हैं और न ही बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से रोक सकते हैं।

अब कर्नाटक के राज्यपाल के फैसले को लेकर वरिष्ठ वकील रामजेठ मलानी ने भी याचिका दायर की है। रामजेठ मलानी की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने के लिए शुक्रवार का ही समय निर्धारित किया है।


रामजेठ मलानी ने राज्यपाल के फैसले को उचित करार नहीं दिया है, उन्होंने कहा है कि उनका यह कदम उचित नहीं है। कर्नाटक के राज्यपाल ने राज्य में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बताया है।

गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। उनको सदन के अंदर उन्हें 15 दिनों के अंदर बहुमत साबित करने के लिए समय दिया गया है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं समेत सभी विधायक राजभवन के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। कुछ लोग इसे लोकतंत्र की हत्या बता रहे हैं। शिवसेना ने तो यहां तक कहा है कि देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है जो हत्या की जाएगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा बनाये गए संविधान को खत्म करना चाह रही है। भाजपा सरकारी मशनरी का दुरुपयोग करके लोकतंत्र पर हमला कर रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ से समझा और देखा जा सकता है।

राहुल गांधी ने तो यहां तक कहा कि भाजपा कार्यकर्ता भले ही आज जीत का जश्न मनायें, हकीकत तो यह है कि देश में आज लोकतंत्र की हत्या के लिए शोक मनाया जाएगा।

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