बेंगलुरू। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि हमारी पार्टी के विधायकों तोड़ने की साजिश की जा रही है। हमारे विधायकों को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की जा रही है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी खड़ा किया है कि यह कालाधन कहां से आ रहा है। कहते हैं कि हम तो जनता के सेवक हैं, तो कहां से यह कालाधन आ रहा है। आज आयकर विभाग के अधिकारी कहां पर हैं?
हमको दोनों ही पार्टियों की तरफ से पेशकश की गई थी। मैं यह बात सार्वजनिक रूप से कह रहा हूं। लेकिन 2004-05 में मेरे भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ कर लेने की वजह से मेरे पिताजी के राजनीतिक कैरियर पर एक धब्बा लग गया था। ईश्वर ने इस बार मुझे यह अवसर दिया है कि मैं उस दाग को मिटी सकूं। इसलिए मैंने कांग्रेस के साथ जाने का फैसला लिया।
कुमारस्वामी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का अश्वमेघ यात्रा उत्तर से शुरू हुई थी, जो कर्नाटक में आकर रुक गई है। ऑपरेशन कमल की सफलता को भूल जाइए। भारतीय जनता पार्टी के कई विधायक मेरे संपर्क में हैं और वे हमारे साथ आना चाहते हैं। मैं भाजपा नेताओं को बताना चाहता हूं कि अगर आप हमारे एक विधायक को तोड़ेंगे तो हम उसका दो गुना आपकी पार्टी से तोड़ लूंगा। साथ ही हम राज्यपाल महोदय से अनुरोध करते हैं कि ऐसा कोई फैसला न लें जिससे हार्स ट्रेडिंग को बढ़ावा मिले।
संवाददाताओं के इस सवाल पर वे भड़क गए कि आप भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रकाश जावडेकर से मिले हैं। इस पर उन्होंने कहा कि जावडेकर कौन हैं? ऐसे किसी व्यक्ति को मैं नहीं जानता हूं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल अफवाह है। मैं किसी जावडेकर से नहीं मिला हूं। किसी भाजपा नेता ने मुझसे मुलाकात नहीं की है।
हम एक बार फिर से कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यपाल से मिलने जाएंगे।
वहीं, कांग्रेस के एक विधायक ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की तरफ से उनके पास फोन आय़ा था। जिसपर मैंने उनको कह दिया कि फिर से फोन मत करना। मैं कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं और कांग्रेस के प्रति मेरी पूरी निष्ठा है।
गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 78 सीटों के साथ कांग्रेस दूसरे नंबर पर है। जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं। बहुमत का आंकड़ा 112 है।