तूफान ने मचाई तबाही, टूटे पोल, पेड़, ठहरी जिंदगी
शहर के कई रास्ते हो गए अवरुद्ध
आम आदमी से ज्यादा वीआईपी इलाकों को अफसरों ने दी तवज्जो
गुरुग्राम। समय रात के दो बजे। हर कोई नींद में था। एकाएक तेज हवा चली। चंद पलों में ही हवा ने तूफान का रूप धारण कर लिया। इस तूफान ने इतनी तबाही बचाई कि पेड़, पोल तो टूट ही, साथ में पुराने मकानों की छत, किसी की दीवार, किसी के घरों से पानी की टंकी और छतों पर रखा अन्य सामान उड़ गया। किसका सामान किसके घर गिरा, किसी को नहीं पता चला। जब सुबह हुई तो शहर के कई रास्ते पेड़ व पोल टूटने के कारण अवरूद्ध थे।
मंगलवार की रात को हर कोई अपनी दिनचर्या को पूरी कर नींद के आगोश में चला गया। रात को करीब दो बजे एकाएक तेज हवाओं के साथ तूफान की दस्तक ने हर किसी को नींद के आगोश से निकाल दिया। जिस तरह से तूफान आया, उससे लगा कि आज कोई बड़ी तबाही होगी। तूफान में लोगों के निर्माण ढह गए। छतों पर से सामान उड़कर दूर जा गिरा। तूफान के चलते शहर की बिजली गुल हो गई। कई जगह खंभे टूट गए। कई स्थानों पर पेड़ भी टूटे। शहर के कई प्रमुख रास्तों पर तो भारी भरकम पेड़ टूटकर गिर गए। जिससे बुधवार दोपहर तक मार्ग अवरुद्ध रहे। बिजली के पोल टूट जाने के कारण शहर की बिजली भी बाधित हो गई। शहर के सिविल लाइन, सदर बाजार समेत कई इलाकों में बिजली के खंभे टूट गए। तूफान के बीच पेड़, पोल तो टूटे ही, शहर में खड़े हल्के वाहन और रेहडिय़ां आदि पलट गए।
गंदगी से अट गया शहर
पहले से ही शहर में सफाईकर्मियों की हड़ताल चल रही है। इस कारण शहर की गंदगी नहीं उठाई जा रही। तूफान के चलते पूरा शहर गंदगी से अट गया। दूर-दूर से गंदगी उड़कर एक-दूसरे स्थान पर पहुंच गई। सड़कों पर सुबह देखा गया तो गंदगी ही गंदगी थी। बाजारों में गंदगी के ढेर लग गए। सदर बाजार की बात करें तो यहां गंदगी का बहुत बुरा हाल रहा। दुकानों के आगे और बीच सड़क पर जिस तरह से गंदगी पड़ी थी, उससे वहां ग्राहकों को भी काफी परेशानी हुई।
वीआईपी इलाकों को अफसरों ने दी तवज्जो
शहर में तूफान के कारण जिस तरह से नुकसान हुआ, सुबह सबके सामने था। शहर में टूटे बिजली के पोल और पेड़ों को हटाने के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की ओर से आम आदमी को राहत देने की बजाय खास यानी वीआईपी इलाकों को तवज्जो दी। यहां सिविल लाइन में मंत्री नरबीर सिंह के निवास के सामने एक पेड़ टूटा पड़ा था। वह पेड़ सड़क के किनारे था। उसके टूटने के कारण कोई मार्ग भी बाधित नहीं थी। इसके बावजूद भी वहां सुबह सात बजे से ही कर्मचारी पहुंचे और पेड़ को मशीन से काटना शुरू कर दिया। दूसरी ओर यहां मोर चौक से सोहना अड्डा के रास्ते पर एक भारी पेड़ टूट गया था। इसके कारण वहां बिजली के पोल, डिवाइडर की ग्रील आदि टूट गए। इस कारण से यह रास्ता दोनों ओर से पूरी तरह से बाधित हो गया। इस पेड़ को काटने के लिए कर्मचारी सुबह सात बजे नहीं आए, बल्कि दस बजे के बाद आए। इसके बाद इसे काटना शुरू किया। कुल मिलाकर साढ़े 11 बजे तक रास्ता सही किया गया। इस कार्यप्रणाली से यह बात साफ है कि मंत्री को दिखाने के लिए उनके निवास के सामने तो सुबह ही कर्मचारी पहुंच गए, लेकिन आम आदमी को राहत देने के लिए नहीं पहुंचे, जबकि रास्ता भी पेड़ गिरने से बंद था।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गुरुग्राम से अभिषेक