बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। वहीं, राज्य में सरकार के गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है।
आपको बता दें, आज विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है। लेकिन जादुई आंकड़े 112 से दूर है। कांग्रेस दूसरे नंबर पर है और तीसरे नंबर जेडीएस है। जो पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी है। भारतीय जनता पार्टी के जादुई आंकड़े से दूर रहने की वजह से कांग्रेस – जेडीएस का गठबंधन भी तय हो गया है। जेडीएस और कांग्रेस के नेता संयुक्त रूप से राज्यपाल से मिलने के लिए जाएंगे। कांग्रेस ने एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री का पद भी ऑफर कर दिया है।
अब सवाल यह है कि क्या राज्यपाल इस बात के लिए तैयार होंगे कि भारतीय जनता पार्टी को न्यौता न देकर वो गठबंधन को को सरकार बनाने का मौका दें। अगर गोवा का इतिहास देखें तो संभव भी है, जहां पर भारतीय जनता पार्टी दूसरे नंबर पर थी। लेकिन वहां पर कांग्रेस को मौका न देकर भाजपा को मौका दिया गया था। राज्यपाल इस बात सहमत थे कि भाजपा के पास बहुमत है और कांग्रेस के पास नहीं है। यहां पर स्थिति कुछ उसी तरह की बनती जा रही है। अभी तक रुझानों में भारतीय जनता पार्टी बहुमत से दूर है और कांग्रेस – जेडीएस को मिलाकर बहुमत का आंकड़ा पार हो जाता है।
अब यह पूरी तरह से राज्यपाल पर है कि क्या वे कांग्रेस-जेडीएस के गठजोड़ को मान्यता देते हैं कि नहीं। अगर राज्यपाल कांग्रेस-जेडीएस के गठजोड़ को मान्यता दे देते हैं और यह गठबंधन यह बताने में कामयाब हो जाता है कि उनके पास बहुमत है तो राज्य में जेडीएस – कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन सकती है। या फिर य़ह हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने का मौका मिले और उन्हें सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा जाए।