मुंबई। शिवसेना के कार्यकारी अध्य़क्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी एक बार ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव करवा ले उसके बाद सबका तिलिस्म टूट जाएगा।
गौरतलब है कि शिवसेना नेता का यह बयान उस समय आया है जब कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी जीत के काफी करीब है और उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में सरकार बना लेगी।
बता दें, शिवसेना भारतीय़ जनता पार्टी की पुरानी सहयोगी रही है औऱ केंद्र सरकार में अभी भी शामिल है और महाराष्ट्र समेत बीएमसी में भाजपा-शिवसेना एक दूसरे की सहयोगी पार्टियां हैं। लेकिन 2019 के आम चुनावों में अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है और समय – समय पर शिवसेना भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करती रहती है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी के राहुल गांधी पर किए गए तंज पर शिवसेना ने राहुल गांधी का पक्ष लिया था और कहा था कि इस देश में किसी को भी प्रधानमंत्री बनने का अधिकार है और कोई भी पीएम बनने का सपना देख सकता है।
यूं तो ईवीएम पर सवाल पहले भी उठते रहे हैं, लेकिन यह बात केवल उसी समय होती है जब किसी राज्य के चुनाव परिणाम आते हैं। उसके बाद यह ठंडे बस्ते में चला जाता है और सवाल उठाने वाले नेता चुप्पी साध लेते हैं। उपचुनाव में तो भाजपा हार जाती है लेकिन जब किसी राज्य में चुनाव होता है तो वहां पर भाजपा जीत जाती है। लोगों का यह मानना है कि उपचुनाव में भाजपा जानबूझकर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं करवाती है। ताकि लोगों को यह लगे कि ईवीएम में गड़बड़ी नहीं की जाती है।
आपको बता दें, इसके पहले उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद मायावती ने सबसे पहले ईवीएम पर सवाल खड़े किया था। उसके बाद कई नेता दबी जुबान से इस बात को स्वीकार कर रहे थे, लेकिन कभी कोई खुलकर इसका विरोध नहीं किया। अगर ईवीएम में गड़बड़ी की बात की जा रही है तो लोगों को इसका जमकर विरोध करना चाहिए औऱ चुनाव आयोग से चुनाव का पैटर्न बदलकर फिर से बैलट पेपर की ओर लौटना चाहिए।