बेंगलुरू। जैसे-जैसे कर्नाटक के नतीजे आते जा रहे हैं। वैसे-वैसे राजनीति में गर्माहट तेज होती जा रही है। जहां भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, तो दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। लेकिन भाजपा भी जादुई ऑकड़े से दूर है। ऐसे में जेडीएस और कांग्रेस में बातचीत फाइनल हो गई है और जेडीएस ने कांग्रेस के ऑफर को स्वीकार कर लिया है। जेडीएस नेता दानिश अल्वी ने बताया कि हमने कांग्रेस का ऑफर स्वीकार कर लिया है और साढ़ पांच बजे दोनों पार्टियों के नेता संयुक्त रूप से राज्यपाल से मिलने के लिए जाएंगे। इसके बाद पू्र्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के घर के बाहर लोगों का जमावड़ा होने लगा है। लोगों का हूजूम उमड़ रहा है।
वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि जनता का फैसला हम स्वीकार करते हैं। इसके बाद राज्य में फिर से सरकार बनाने के लिए सभी पार्टियां अपने-अपने गुणा-भाग में लग गई हैं। जहां कांग्रेस जेडीएस के साथ मिलकर सरकार बनाने किए बातचीत कर रही है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कई महत्वपूर्ण नेता कर्नाटक को कूच कर रहे हैं। कुछ लोग पहले ही पहुंच गए हैं और कुछ लोग दिल्ली से रवाना हो रहे हैं।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि हमने पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा जी से बातचीत की है, जिसपर उन्होंने हां कर दी है।
अगर भारतीय जनता पार्टी को 110 सीटें मिल जाती हैं तो वह दो निर्दलियों के साथ मिलकर सरकार बना लेगी। अगर ऐसा नहीं होता है तो कांग्रेस के मुताबिक जेडीएस को बाहर से समर्थन देकर एचडी कुमार स्वामी को मुख्यमंत्री बनाकर बाहर से समर्थन करेंगे।
शिवसेना की मांग बैलट पेपर से हों चुनाव
शिवसेना का कार्यकारी अध्य़क्ष ने कहा है कि एक बार ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव हो जाएं तो सबका तिलिस्म टूट जाएगा।
गौरतलब है कि शिवसेना नेता का यह बयान उस समय आया है जब कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी जीत के काफी करीब है और उम्मीद जताई जा रही है कि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक में सरकार बना लेगी।