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कर्नाटक से तय होगा राहुल का राजनीतिक करियर

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे 15 मई को सामने आएंगे, इससे पहले तमाम चैनलों के एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए अच्छी खबर है। सभी एग्जिट पोल का अगर औसत निकाला जाए तो बीजेपी 97 सीटें जीत सकती है वहीं कांग्रेस के खाते में 90 सीटे जाते हए दिख रही हैं और वही जेडीएस+ को 31 सीटें मिलने का अनुमान हैं। सबसे दिलचस्प बात यह हैं की एग्जिट पोल के आधार पर किसी भी पार्टी को बहुमत मिलता नहीं दख रहा हैं। इस बार बहुमत का जादुई आंकड़ा 111 सीटों का हैं, क्योकि इस बार कर्नाटक में 222 सीटों पर ही वोटिंग हुई है।

15 मई को जब नतीजे घोषित होंगे तो उससे कुछ अहम बातें आने वाले समय के लिए साफ हो जाऐंगी। दलअसल कर्नाटक के परिणाम राहुल गांधी का राजनीतिक कद और करियर तय करेंगे तो साथ ही साथ इस बात की भी पुष्टि करेंगे की देश में मोदी लहर अब भी बरकरार है या 2014 की तुलना में अब फीका पड़ गया है।

राहुल का राजनीतिक करियर

अगर कांग्रेस ये चुनाव हारती है तो 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले काग्रेंस पार्टी के महागठबंधन के उस सपने को सबसे बड़ा झटका लगेगा, जिसकी अगुवाई करने का सपना राहुल गांधी संजोए हुए हैं। 2019 में मोदी को हराने के लिए एक महागठबंधन की आवश्यकता है और उसके बिना 19 में मोदी पर 20 नहीं पड़ना मुस्किल है। ऐसा कई पॉलिटिकल पंडितों का मानना हैं।

अगर कांग्रेस एक बार फिर जीतती है तो एक राजनेता के रूप में राहुल गांधी की छवि और महागठबंधन के लिए उनकी दावेदारी और मजबूत हो जाएगी। राहुल गांधी ने अपने चुनावी रैलियों में बेरोजगारी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का मुद्दा जोर शोर से उठाया था जो इस सरकार के लिए गले की फांस बना हुआ है।

2014 के चुनावों में कांग्रेस की हार का एक कारण हिंदुओं के बीच उसकी छवि भी थी, उसी छवि को बदलने के लिए राहुल गांधी ने साफ्ट हिंदुत्व का रूख किया जिसका उसे गुजरात के चुनावों में फायदा देखने को भी मिला था। वहीं इस बार भी राहुल गांधी नें अमित शाह को पीछे छोड़ते हुए 17 मठ-मंदिर का रूख किया था, जबकि वहीं अमित शाह ने 14 मठ-मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इस पूरे चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भी मठ मंदिर नहीं गए

वहीं, इससे पहले तमाम चैनलों के एग्जिट पोल को नकेरते हुए कहा कि आने वाले दो दिन मनोरंजन के साधन हैं ये एग्जिट पोल। ‘एग्जिट पोल अगले दो दिन तक मनोरंजन का जरिया है। सभी पोल का औसत निकालना वैसा ही है जैसे एक आदमी नदी पार कर रहा है और उसने सांख्यिकी के जानकार पर भरोसा कर लिया है जिसने औसत निकाल कर ये कहा कि नदी की गहराई चार फीट है। कृपया औसत नोट कर लीजिए, 6+4+2=4…6 फीट पर आप डूब जाएंगे। इसलिए पार्टी कार्यकर्ताओं, समर्थकों औऱ शुभचिंतकों एग्जिट पोल की चिंता ना करें। आराम करें और वीकेंड का मजा लें। हम वापस आ रहे हैं।

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