महाराष्ट्र के औरंगाबाद में बीती देर रात, दो समुदायों के बीच नल का कनेक्शन तोड़ने को लेकर हिंसा भड़क उठी। औरंगाबाद के पुराने इलाके में अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। दंगाइयों पर काबू पाने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं। हिंसा में अब तक दो व्यक्ति की मौत की खबर है, जबकि 15 पुलिसकर्मियों सहित 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक, शुक्रवार की रात से ही रह-रहकर हिंसक झड़पें जारी हैं और प्रभावित इलाकों में दोनों समुदायों के लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की और दुकानों में आगजनी भी की। औरंगाबाद के पुराने हिस्से में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनात कर दी गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ने हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान ना दें।
बताया जा रहा है कि औरंगाबाद जिले में शुक्रवार देर रात दो समुदायों के बीच नल के कनेक्शन को तोड़ने के मुद्दे के लेकर विवाद शुरू हो गया था। इस विवाद के कुछ देर बाद ही जिले में तनाव बन गया जिसके बाद दो समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और एक दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने सड़क पर मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ करने के बाद इसमें आग लगा दी।
वहीं AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर औरंगाबाद हिंसा की जांच की मांग की है, खासकर हिंसा भड़काने में रच्चू पहलवान नाम के शख्स की भूमिका की जांच की मांग की है और इलाके में शांति स्थापित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का अपील की है।