मौजूदा समय मे सभी पार्टियां जहां हिन्दू-मुस्लिम और जाति की राजनीति कर रहीं हैं, वहीं हिंदू और मुसलमान की राजनीति करने वालों के लिए एक बड़ा संदेश गाजीपुर से निकल कर आया है। ग़ाज़ीपुर से सांसद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से एक युवक जो अपने रिश्तेदारों के द्वारा कबूतर बाजी का शिकार होकर खाड़ी देश आबूधावी में फंसा हुआ था अपने वतन वापस लौटा और वतन वापसी पर वसीम और उसके पिता और उसके दोस्त खुशी का इजहार करते नजर आये, और सरकार और मनोज सिन्हा का धन्यवाद किया।
गाजीपुर से सांसद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के संसदीय कार्यालय पर अपने पिता के साथ आता हुआ यह युवक जिसके चेहरे पर आज खुशी झलक साफ दिख रही है पर कुछ दिन पहले इसकी आंखों से आंसुओं की धार बह रही थी और यह धार अपने देश में नहीं बल्कि खाड़ी देश में बह रही थी। जी हाँ पूरा मामला यह है कि जनपद ग़ाज़ीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के पहाड़पुर का रहने वाला युवक वसीम बेरोजगार था और उसकी भी एक हसरत थी वह भी पैसा कमाए और ऐशो-आराम के साथ रहे। जिसके लिए इसने खाड़ी देश जाने के लिए अपना पासपोर्ट आदि पहले से बनवा रखा था, इसी दौरान इसके खाड़ी देश के एक रिश्तेदार के द्वारा एक कॉल आया की यहां के एक कंपनी में बढ़िया काम है, जहां पर उसे एक बढ़िया सैलरी मिलेगी। वसीम उस नौकरी की लालच में आबूधावी चला गया लेकिन जब वहां पहुंचा तब उसे मजदूरी काम पर लगा दिया गया जहां उसे दिन रात काम करना पड़ता था।
उसने इसकी शिकायत जब अपने रिश्तेदार से की तब रिश्तेदार की भाषा ही बदल गई और उसने काम करते रहने की नसीहत दी और कहा कि अगर काम नहीं करोगे तो जान से मार दिया जाएगा। वसीम बहुत डरा सहमा इसी तरह दिन काटने लगा। अपना दर्द अपने पिता को बतलाया उसके पिता रिजवान अपने गांव के ही एक युवक के साथ गाजीपुर सांसद मनोज सिन्हा के कार्यालय पहुँचे और अपनी आपबीती सुनाई। रिजवान की बातों को सुनकर मनोज सिन्हा के कार्यालय से वसीम की वापसी की कार्यवाही शुरु हुई और मनोज सिन्हा ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस संबंध में पत्र लिखा। मनोज सिन्हा और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के प्रयासों से आज वसीम सकुशल अपने गांव वापस आ गया। गांव वापस आने के बाद रेल राज्य मंत्री का शुक्रिया अदा करने के लिए उनके कार्यालय पहुँचा।मनोज सिन्हा के प्रतिनिधि सिद्दार्थ राय को वसीम ने मिठाई खिलाकर धन्यवाद दिया। इस दौरान वसीम के पिता रिजवान भी काफी भावुक हो गए और उन्होंने खाड़ी देश जाने की सोच रखने वाले युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपने वतन में अगर सूखी रोटी भी मिलती हो तो उसे ही खाकर गुजारा करें वरना उन युवाओं की दशा भी वसीम की तरह हो सकती हैं।
इस मौके पर मनोज सिन्हा के निजी सहायक सिद्धार्थ राय भी इन बाप बेटे को मिठाई खिलाकर उनकी खुशियों में शामिल हुए और उन्होंने पूरी दास्तान बताया कि कैसे यह लोग इनके पास आए और कार्यवाही की गई और आज सकुशल वापस आए हैं।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए गाजीपुर से सुनील सिंह की रिपोर्ट