रांची। चारा घोटाले के आरोप में सजा काट रहे लालू यादव को रांची उच्च न्यायालय 6 हफ्ते की जमानत मंजूर कर दी है। लालू यादव को जमानत मेडिकल ग्राउंड पर मिली है।
बता दे, लालू यादव इस समय बिरसा मुंडा जेल में बिहार के चर्चित चारा घोटाले में सजा काट रहे हैं। लेकिन उनकी तबियत खराब चल रही है। लालू यादव की किडनी में प्राब्लम है और उन्हें शुगर की भी बीमारी है। जिसके लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भी भर्ती करवाया गया था।
इसके साथ ही 12 मई को लालू यादव के बड़े बेटे विधायक तेजप्रताप यादव की शादी भी है। जिसके लिए उन्हें तीन दिन की पैरोल भी मिली हुई है। ऐसे में यह उनके और उनके परिवार के लिए राहत भरी खबर है।
क्या है चारा घोटाला
चारा घोटाला स्वतन्त्र भारत के बिहार प्रान्त का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके निकाल लिये गये। सरकारी खजाने की इस चोरी में अन्य कई लोगों के अलावा बिहार के तत्कालीन मुख्यमन्त्री लालू प्रसाद यादव व पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र पर भी आरोप लगा। इस घोटाले के कारण लालू यादव को मुख्यमंत्री के पद से त्याग पत्र देना पड़ा।
लोकसभा में प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया और सीबीआई जाँच की माँग की गयी। सत्तारुढ़ पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व उसकी सहयोगी जनता दल जैसी दो-दो दिग्गज पार्टियों के नेताओं और नौकरशाही की मिलीभगत से की गयी सरकारी खजाने की इस चोरी की गूँज न सिर्फ़ भारत में बल्कि सात समुन्दर पार अमेरिका और ब्रिटेन में भी सुनायी दी जिससे भारत की राजनीति बदनाम हुई।
हालांकि यह घोटाला 1996 में हुआ था लेकिन जैसे-जैसे जाँच हुई इसकी पर्तें खुलती गयीं और लालू यादव व जगन्नाथ मिश्र जैसे कई सफेदपोश नेता इसमें शामिल नजर आये। मामला लगभग दो दशक तक चला। मीडिया ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जिसके चलते सीबीआई और न्यायपालिका अपनी-अपनी कार्रवाई में कोई कोताही नहीं कर पायी। इससे यह भी साफ हो गया कि इस देश को नेता नहीं बल्कि माफिया चला रहे हैं जिन्होंने इसकी अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है। न्यायालय ने चारा घोटाले में लालू यादव को दोषी घोषित किया। उनकी लोकसभा की सदस्यता छीन ली गयी और 11 वर्ष तक कोई चुनाव लड़ने पर प्रतिबन्ध लगा दिय गया। लालू प्रसाद यादव और जदयू नेता जगदीश शर्मा को घोटाला मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद लोक सभा से अयोग्य ठहराया गया। उच्चतम न्यायालय ने चारा घोटाला में दोषी सांसदों को संसद की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने से बचाने वाले प्रावधान को भी निरस्त कर दिया है। लोकसभा द्वारा जारी इस अधिसूचना के बाद संसद की सदस्यता गँवाने वाले लालू प्रसाद यादव भारतीय इतिहास में लोक सभा के पहले सांसद हैं और जनता दल यूनाइटेड के एक अन्य नेता जगदीश शर्मा दूसरे, जिन्हें 10 साल के लिये अयोग्य ठहराया गया।