अलीगढ़ मु्स्लिम विश्विद्यालय में लगी मोहम्मद अली जिन्ना की फोटो का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक भाजपा सांसद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर जिन्ना की फोटो पर स्पष्टीकरण की मांग की, तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की सांसद सावित्री बाई फुले ने जिन्ना को महापुरुष बताया है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में उनका अहम योगदान था। वो महापुरुष थे और रहेंगे।
पत्र में गौतम ने लिखा था कि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि जिन्ना की फोटो एएमयू में लगी हुई है। फोटो एएमयू के किस विभाग और कहां लगी हुई है, उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं हैं। उन्हें अवगत कराया जाए कि यदि तस्वीर लगी हुई है तो किन कारणों से लगी है। इसे एएमयू में लगाने की क्या मजबूरी है? क्योंकि पूरा विश्व जानता है कि जिन्ना भारत और पाकिस्तान बंटवारे के मुख्य सूत्रधार थे।
बता दें, इसके पहले उत्तर प्रदेश सरकार में काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी मोहम्मद अली जिन्ना को आजादी की लड़ाई में योगदान देने वाला बता चुके हैं।
इसके बाद यहां विवाद शुरू हो गया। जहां एक पक्ष जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने की मांग को लेकर अड़ा हुआ है। वहीं, एएमयू छात्रसंघ ने तस्वीर न हटाने की घोषणा की है। मामले को लेकर एएमयू कैंपस में लगातार तनाव जारी है।
इसके बाद अलीगढ़ में देव समाज कॉलेज के कुछ शरारती छात्रों ने शहर के सार्वजनिक शौचालयों में मुहम्मद अली जिन्ना की फोटो लगा दी।
एएमयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि जिन्ना की यह तस्वीर आजादी के पूर्व सन 1938 में लगी थी। आजादी के पूर्व छात्रसंघ द्वारा जिन्ना को आजीवन सदस्यता दी गई थी। संसद भवन के अंदर भी मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगी हुई है। अगर संसद में लगना सही है तो यहां पर गलत कैसे हो सकती है। देश में मुगलों को गाली दी जाती है। अगर उनकी बनाई हुई चीजें यहां पर अभी भी मौजूद हैं तो उन पर सवाल क्यों नहीं खड़े किये जाते हैं।
आरएसएस के कार्यकर्ता आमिर रशीद ने जिन्ना की तस्वीर को हटाने वाले को 51000 रुपये इनाम देने की घोषणा भी कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय में भारती शूरवीरों की तस्वीर लगाने वाले को एक लाख रुपय़े बतौर पुरस्कार दिया जाएगा।
पूर्व विधायक पर दर्ज हुआ मुकदमा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी जिन्ना की तस्वीर के समर्थन में छात्रों ने धरना दिया था, जिसका पूर्व विधायक जमीउल्लाह ने समर्थन किया था। उस दौरान उन्होंने भढ़काऊ भाषण दिया था। जिसके लिए उन पर मुकदमा दर्ज किया गया है और 15 साल से उनके साथ लगे गनर को भी हटा लिया गया है। अभी कुछ माह पूर्व ही वे सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए थे। पूर्व विधायक के खिलाफ सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।