दमोह। एक ओर जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत लोगों को खुले में शौच से मना किया जा रहा है और लोगों को उसकी अच्छाइयों के बारे में बताया रहा है। वहीं दूसरी ओर पानी की कमी की वजह से कुछ जगहों पर लोग खुले में शौच के लिए मजबूर भी हैं। कहीं पानी की कमी की वजह से साफ-सफाई की समस्या है, जिससे लोग अपने ट्वॉयलट का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र सरकार की तरफ से यह कहा गया था कि पूरे प्रदेश में सभी गांव ट्वॉयलट को लेकर संतृप्त हो गए हैं। लेकिन मीडिया ने जब उसके बारे में छानबीन की तो पता चला कि स्थिति उसके उलट है। कहीं पर ट्वॉयलट बने थे तो उनमें लोग अपने उपयोग के सामान रखे हुए थे। तो कहीं पर पानी की कमी की वजह से साफ-सफाई की समस्या थी।
मध्यप्रदेश के दमोह जिले में पानी की कमी की समस्या के चलते सरकारी छात्रावास की लड़कियों को शौच के लिए प्रतिदिन चार किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
सरकारी हॉस्टल की लड़कियां शौच के लिए बाल्टी के साथ अपने स्कूल के शिक्षक और सहायिकाओं के साथ हर दिन 4 किलोमीटर जाती हैं।
एक छात्रा ने बताया कि पानी के संकट के कारण शौच करने के लिए हर दिन अपनी सहेलियों और शिक्षकों के साथ 2 किलोमीटर चलना पड़ता है।
इस क्षेत्र में दो बोरवेल होने के बावजूद लड़कियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है क्योंकि मौसम की शुरुआत में दोनों कुओं का पानी सूख जाता है।
छात्रावास के वार्डन ने बताया कि बोरवेल हर मौसम में सूख जाता है, लेकिन आमतौर पर हमें टैंकर के माध्यम से पानी मिलता है। लेकिन इस बार हमारे पास यह भी नहीं था।
इस मुद्दे को संज्ञान लेते हुए जिले के कलेक्टर ने कहा कि उन्होंने इस मामले को उच्च अधिकारिय़ों को सूचित किया है, लेकिन अभी तक उनसे कोई सहायता नहीं मिल पाई है।
कलेक्टर ने बताया कि पानी की कमी है। हम इसे हल करने की कोशिश कर रहे हैं। जल्द ही कुछ समाधान मिलेगा।
[फोटो- साभार एएनआई]