हेमलता वर्मा पर 2 महीने पहले उस वक्त मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा जब उनके पति की मौत हो गई। दरअसल, हेमलता के पति काफी ज्यादा शराब पीते थे, जिसके चलते उनकी मौत हो गयी। वहीं पति की मौत के बाद पत्नी हेमलता पर 3 बच्चों को पालने और भविष्य के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी आ गई। हेमलता के पास न तो रहने के लिए घर है और न खाने के लिए पैसे। वहीं अब ये बिना घर का परिवार अपनी बूढ़ी नानी के यहा फायरं ब्रिगेड कालोनी में शरण लिए हुए है।
वात्सल्य के सदस्य हितेश छाबड़ा से संपर्क होने पर पता चला कि इन तीनों बच्चों का दाखिला नवीन आदर्श बाल विद्यालय में वात्सल्य द्वारा कराया जाएगा। वहीं हेमलता को परिवार को चलाने के लिए काम चाहिए। यदि आसपास के किसी सदस्य के पास कोई जगह हो तो आलोक वात्सल्य से संपर्क करें। पिता सांस के मरीज और मां पैरों से लाचार, वहीं मां इन 3 बच्चों को लेकर दर-दर भटक रही थी, लेकिन इस मां की पुकार सुनने वाला कोई नहीं था। तब किसी ने वात्सल्य सेवा संस्थान के बारे में बताया जो आज इनकी मदद कर रहा है।