लंदन (एएनआई)। भारतीय बैंकों की ओर से 10,000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दर्ज मामले में विजय माल्या को करारा झटका लगा है। लंदन की कोर्ट ने माल्या की गुहार को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा है कि अब बैंक विजय माल्या की ब्रिटेन स्थित संपत्ति को बेचकर अपना पैसा वसूल सकती हैं। ब्रिटेन की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भी मुकदमा चल रहा है।
विजय माल्या पर आरोप है कि उसने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए लगभग 10,000 करोड़ रुपये के कर्ज को जानबूझकर नहीं चुकाया।
न्यायाधीश एंड्रयू हेंशॉ ने भी माल्या की संपत्ति पर रखे विश्वव्यापी फ्रीज को खत्म करने से इंकार कर दिया। माल्या के वकीलों को अब यूके में दूसरी सर्वोच्च अदालत के फैसले पर अपील करने का मौका भी मिला है।
62 वर्षीय माल्या को 9,000 करोड़ रुपये की कुल राशि और मनी लॉंडरिंग मामलों सहित वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना करने के लिए भारत में प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
पिछले साल अप्रैल में माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड ने एक प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार कर लिया था। वह 650,000 पौंड के बांड पर जमानत पर बाहर हैं।
इस मामले के अलावा, 12 फरवरी को लंदन के उच्च न्यायालय ने माल्या को सिंगापुर स्थित एयरक्राफ्ट लीजिंग कंपनी के दावों में अनुमानित 90 मिलियन अमरीकी डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था।
इस मामले में 2014 में बीओसी एविएशन से विजय माल्या की अब-निष्क्रिय किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा पट्टे पर कई विमान शामिल हैं। हालांकि, उन्होंने उनके खिलाफ आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि वे ‘राजनीतिक रूप से प्रेरित’ हैं।
जानें- कौन हैं विजय माल्या
विजय माल्या एक भारतीय व्यापारी हैं और राज्यसभा से सांसद भी रहे हैं। वे यूबी समूह और किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष व उद्योगपति विट्ठल माल्या के बेटे हैं। वर्ष 2008 में लगभग 72 अरब रुपये के संपत्ति के साथ यह विश्व के 962वें सबसे धनी लोगों में शामिल हुए। इसी समय इनका भारत में सबसे धनी लोगों में 42वां स्थान था। आजकल भारत सरकार ने विभिन्न भारतीय बैंको के 9000 करोड हड़पकर भाग जाने के कारण विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया है।