जब भी कोई फरियादी थाने जाता बैं तो वहा अपने साथ घटित अपराध की शिकायत लेकर पहुचता हैं, परंतु यूपी के मुजफ्फरनगर में कुछ ऐसा हुआ की, पुलिस को थाने में बने मंदिर में ही शादी करानी पड़ी। दरअसल, ईट भट्टे पर मजदूरी करने वाले एक युवक और युवती के बीच लगभग 2 वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था, मगर युवती के परिजनों को जब इस बात का पता चला तो युवती के पिता ने युवती को डांट दिया। जिससे वह नाराज होकर थाना मंसूरपुर में पहुंची, मंसूरपुर के थाना प्रभारी केपीएस चाहल ने पीड़िता की बात सुनी और मामले की जानकारी दोनों के परिजनों को दे दी जिसके बाद युवक व युवती के परिजन भी थाने पहुंच गए और और दोनों इस प्रेमी जोड़े की शादी करने को राजी हो गए। जिसके बाद थाना परिसर में बने शिव मंदिर में क्षेत्र के मौजूद, दोनों लोगों के परिजनों ने उन्हें ले जाकर विधि विधान के साथ उनकी शादी संपन्न कराई। इस मौके पर थाना मंसूरपुर के थाना प्रभारी और थाने का पूरा स्टाफ भी मौजूद रहा। गरीब युवक युवती का विवाह कराने के बाद सभी लोगों ने नव दंपति को आशीर्वाद दिया और जिसके बाद अपने परिजनों के साथ खुशी-खुशी घर वापस लौट गए।
जहां इस शादी से प्रेमी युगल खुश नजर आया वही नव दंपत्ती के परिजन भी एक दूसरे के गले मिलते नजर आए। दूल्हा बना युवक संजय कुमार, पुत्र पिरथी निवासी गांव बिहारी थाना सिखेड़ा और युवती लक्ष्मी पुत्री महिपाल निवासी बिड़ाहेड़ी थाना भोपा, पिछले कई सालों से हरियाणा के कैथल में एक ईट भट्टे पर अपने परिजनों के साथ काम करते थे। जहां दोनों की मुलाकात हुई और यह मुलाकात प्यार में बदल गई मगर कुछ समय बाद जब युवती के परिजनों को मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने उनके मिलने पर पाबंदी लगा दी। और अपने गांव वापस लौट गए मगर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था एक बार फिर इन दोनों की मुलाकात हुई जिसका युवती के परिजनों ने विरोध किया, इसी से नाराज होकर युवती थाने पहुंची और उसके बाद थाने पहुंचे दोनों के परिजनों में आपसी समझौता हो गया और दोनों की शादी संपन्न कराई गई
वहीं थाना प्रभारी केपीएस चाहल ने बताया कि युवती अपने परिजन से नाराज होकर आई थी जिसके बाद उसके परिजन भी आ गए और इन्होंने युवती से बात की तो युवती संजय के साथ शादी करने की बात पर अड़ गई जिसके बाद युवती के परिजनों ने युवक और उसके परिजनों को बुलवा लिया और उन्होंने थाने में बने मंदिर में दोनों की शादी कराने की इजाजत मांगी क्योंकि मामला सामाजिक था और भगवान के दरबार में सबका हक होता है युवक-युवती दो बालिग थे और एक दूसरे को चाहते भी थे इसलिए इनकी शादी कराने में कोई परेशानी भी नहीं थी कन्या और वर को आशीर्वाद देने के लिए हम भी पहुंच गए