अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना को लेकर छिड़ी जंग पर छात्रों का रुख अब नरम होता हुआ दिखाई दे रहा है। छात्रों का कहना है कि उनका धरना जिन्ना के समर्थन में नहीं है, बल्कि एएमयू छात्रों पर हुए बर्बरतापूर्वक पुलिस की लाठीचार्ज और हिंदू वादी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा एएमयू परिसर में घुसकर हंगामा करने के खिलाफ है। छात्र मांग करते हैं कि लाठी चार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों और एएमयू में घुसकर प्रदर्शन करने वाले हिंदूवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कैंपस में पेड़ और दीवारों पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं। इन पोस्टरों में छात्र संदेश दे रहे हैं कि एएमयू के बॉबे सैयद गेट पर बैठे छात्रों का धरना जिन्ना के समर्थन में नहीं है, बल्कि छात्र अपने ऊपर हुए बर्बरतापूर्वक पुलिस की लाठीचार्ज के विरोध में धरना दे रहे हैं। एएमयू में घुसे हिंदूवादी कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, जबकि उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के ऊपर हमला करने की कोशिश भी की गई। पुलिस ने उल्टा एएमयू छात्रों को ही उस समय बर्बरतापूर्वक लाठियों से पीटा जब वह हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर थाना सिविल लाइन जा रहे थे।