2014 के चुनावी अभियान के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नक्सलियों को चेता दिया था की या वो बदल जाए या फिर मौत के घाट उतार दिए जाऐँगें। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम के इस सपनें की जिम्मेदारी गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मिली जिन्होने इसे बखुबी ढंग से निभाया भी। सेना को नक्सलियों के खिलाफ आप-पार की लड़ाई को आदेश दिया, नतीजतन कई बड़े नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया जो नहीं माने मारे गये। इसी कड़ी में पीएम के मेक-इन-इंडिया सपने के तहत कानपुर की आर्डिनेंस फैक्ट्री ने एक ऐसे घातक हथियार का इजात किया है, जिसके बाद नक्सलियों का खात्मा बेहद आसान हो जाएगा।
कानपुर स्माल आर्म फैक्ट्री और डीआरडीओ के सहयोग से तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद देश की पहली बेल्टफेड लाइट मशीन गन बनाई गई है,जिसका निर्माण इजरायल और यूएस की एलएमजी की तर्ज पर किया गया है। इस कार्बाइन की खासियत ऐसी है की दुनिया की कोई दूसरी कार्बाइन इसके आगे कहीम नहीं ठहरती। JVPC कार्बाइनों की एक खेप छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपी जी चुकी हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस के कमांडेंट पीएल भोई का कहना है इस गन से अब हम और जोश से नक्सलियों का सफाया कर देंगे, वही गगन चतुर्वेदी अपर महाप्रबंधक स्माल आर्म फैक्ट्री की मानें तो इसके टक्कर में दुनिया की कोई कार्बाइन नहीं है, अपनी श्रेणी में ये सबसे अलग और बेहतर है।
इस हथियार की खासियत
अभी भारतीय सेना के पास अब तक जो एलएमजी हैं, उनमें तीस राउंड की मैग्जीन लगाई जाती है जिसे खत्म होने के बाद बदलना पड़ता है। इस एलएमजी में मैग्जीन की बजाए 256 राउंड वाली बेल्ट लगाई गई हैं, जिसमें एक हुक लगाकर अतिरिक्त बेल्ट भी जोड़ी जा सकती हैं, अब तक बेल्ट सिर्फ मीडियम मशीन गन में लगती थी।
5.62 गुणा 51 बेल्टफेड यह एलएमजी चलाने में बहुत आसान है। इसकी मारक क्षमता 800 मीटर की है।
फायरिंग के दौरान बैरल गर्म होने पर इसे बहुत आसानी से बदला भी जा सकता है।
3.5 मिमी माइल्ड स्टील चादर को 200 मीटर की दूरी से असानी से भेदा जा सकेगा।परिक्षण के दौरान यह तीन परत की बुलेटप्रूफ चादर को भेदने में भी सफल रही है।