साऊदी अरब, दुबई में पेट्रोल और ज्वलनशील रसायन प्रदार्थों की खदाने हैं, वहां पर रसायनिक प्रदार्थों की कुएं है, पानी से सस्ता वहां पेट्रोल के दाम हैं, लेकिन वहीं अगर बात की जाए भारत की तो यहां पर पेट्रोल के दाम आसमान झू रहे हैं, आज हर इंसान की यहीं तमना होती है, काश हमारे यहां भी कई कुआँ होता पेट्रोल का, तो इन दामों में यू आग ना लगती । लेकिन जब शायद ये मुमकिन हो पाता तो प्रशासन का इस ओर ध्यान दी नही है, मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटा तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मादो निवासी दुर्ग सिंह के खेत से ज्वलनशील प्रदार्थ निकल रहा है, पर किसी अधिकारी का इस ओर बिल्कूल ध्यान नही है । आपको बता दें दुर्ग सिंह ने अपने खेत पर सिचाई के लिए करीब 3 वर्ष पूर्व एक बोर कराया था, बोर में तभी से उसमे पानी के साथ ज्वलनशील गैस भी निकल रहा था, जिसमें आग लगाने से ऊपर तक लपटे उठती है।
इसकी सूचना किसान ने अधिकारियों को भी दी, लेकिन सभी ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया और इस पर कोई ध्यान नही दिया, जिससे बहुत समय तक इस बार का उपयोग नही हुआ, फिर किसान दुर्ग सिंह के पुत्र झलकन ने इसे रसोई गैस के रूप में इस्तेमाल करने की सोची और बोर में एक छोटी सटक डाल कर दूर चूल्हा भट्टी बनाकर इस्तेमाल करने लगा, जिससे उसके परिवार का पूरा खाना तो बनता ही है साथ ही ठंड के दिनों में लोग इसका अलाव तापने में भी उपयोग करते हैं । गैस का उपगोग करने के बाद इसकी सटक को दवाकर इसे बंद भी कर दिया जाता है, इस बोर की खास बात ये भी है कि, गर्मी में जलस्तर कम होने पर यहा गैस की मात्रा और अधिक बढ़ जाती है ।
हटा के छोटे से गांव मादो में रहने वाले इस परिवार को अब सरकारी मदद की आश है, अगर सरकार कुछ पहल करे तो निश्चित ही यंहा गैस संयंत्र लगाया जा सकता है, क्योंकि यहां गैस अधिक मात्रा में है । किसान झलकन सिंह लोधी का कहना है कि बोर में पेट्रोल जैसा पदार्थ की गंध आ रही है, आग लगाकर देखा तो आग बहुत तेजी से फेल गई, मुश्किल से आग पर काबू हुआ, फिर कई अधिकारियों को भी बताया जब किसी ने कोई सुनबाई नही की, तो एक सटक लेकर दूर एक मिट्टी की भट्टी बनाई, और कंट्रोल के लिए सटक पर दबाब बनाया, और खाना बनाने लगा करीब 3 साल से इसी तरह खाना बना रहे है और गैस का उपयोग कर रहे है।
वहीं किसान झलकन के बड़े भाई बैजू बताया कि, उन्होंने अपने खेत मे सिचाई के लिए बोरिंग कराई, तो 125 फ़ीट पर कोयले जैसा पानी निकला, जब आगे कराया तो उसमें से गैस निकली सभी को जानकारी भी दी, लेकिन किसी ने ध्यान नही दिया, फिर मेरे भाई ने इससे खाना बनाने की सोची और तैयारी की तभी से हम लोग खाना बना रहे हैं ।
एक ओर जिले के कई क्षेत्रों में ओएनजीसी कंपनी द्वारा प्राकृतिक गैस और तेल की खोज की जा रही है, वहीं दमोह जिले के ऐसे कई गांव है, जहाँ इस प्रकार से बोरिंग से प्राकृतिक गैस निकल रही है, जिस पर कोई ध्यान नही दिया जा रहा है।
दमोह मध्य प्रदेश से दीपक सेन की रिपोर्ट