गाजियाबाद: गाजियाबाद के मदरसा रेप मामले में लगातार नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। वहीं अब इस मामले में एक और नया खुलासा सामने आया है कि ये मदरसा गैरकानूनी तरीके से चलया जा रहा था और वक्फ बोर्ड से संबंधित कागज भी पूरे नहीं हैं। लिहाजा वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक कल्याण समिति के अधिकारियों ने मदरसे पर पहुंचकर इसे बंद कर दिया है। मदरसे के एक हिस्से पर ताला भी लगाया गया है। हालांकि, ताला लगाने की बात को औपचारिक तौर पर मदरसे से जुड़े लोग नहीं कह रहे हैं लेकिन, मदरसा बंद करके अब यहां पर मस्जिद चलाने की इजाजत दी गई है। मदरसे से जुड़ा बोर्ड और पोस्टर भी हटा दिए गए हैं।
वहीं अब मदरसे वाली जगह का अधिकार भी मौलवी से छीन लिया गया है और इलाके के लोगों को उसका संचालन करने के लिए कहा गया है। मदरसे में करीब 10 बच्चे मौजूद थे जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें उनके घर भेज दिया गया है। अब यहां पर सिर्फ नमाज अता हुआ करेगी। बिना रजिस्ट्रेशन के ऐसे कई मदरसे वक्फ बोर्ड के संज्ञान में आए हैं, जिन पर ऐसी कार्यवाही की जा रही है। अल्पसंख्यक कल्याण समिति और वक्फ बोर्ड की टीम के यहां पहुंचने के बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर आई, जिसने नए संचालकों से पूरी जानकारी हासिल की। फिलहाल इस पूरे इलाके में पुलिस तैनात कर दी गई है ताकि किसी तरह का कोई हंगामा प्रदर्शन ना हो पाए।
मदरसे के मौलवी को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। जिसके बाद यह भी खुलासा हुआ कि मौलवी ने गैरकानूनी तरीके से मदरसा खोलकर यहां पर बच्चों के लिए गैर कानूनी तरीके से चंदा इकट्ठा करने का काम किया था। मदरसे पर लाउडस्पीकर भी लगा रखा था, जिसकी इजाजत उत्तर प्रदेश में नहीं है। वक्फ बोर्ड की कार्यवाही के साथ-साथ मदरसे के नए संचालकों ने लाउडस्पीकर भी हटा दिया है। मदरसे के नए संचालकों का कहना है कि अब नए तरीके से गाजियाबाद जिला प्रशासन के पास औपचारिकताओं के लिए अप्लाई किया गया है।