योगी सरकार की सख्ती का अभी भी गांव के प्रधानों पर कोई असर नही हो रहा, सरकार गांव के विकास के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, ग्राम प्रधान उस धन का दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहे, गौर विकासखंड का कुनगाई बुजुर्ग गांव घोटालों वाला गांव बनकर रह गया है । इस गांव की प्रधान सुनीता देवी भले ही महिला है, लेकिन उन्हें पैसों के आगे गांव के गरीब लोगों का दर्द नहीं दिखाई देता, जिस वजह से ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान के करतूत का कोरा चिट्टा लेकर तहसील के पास पहुंचे, जिसकी जांच शुरु हो गई है । ग्रामीणों का आरोप है कि, गांव के विकास मद में आए लाखों रुपए प्रधान ने डकार लिया, प्रधान ने सड़कों, नालियों, खडंजों, आवास, राशन, तालाब सौन्दर्यीकरण, नाली की सफाई के नाम पर 50 लाख रुपए कागजों में खर्च कर दिए, लेकिन मौके पर कोई भी काम नही कराया गया । हालात ऐसे है कि, जिस सड़क पर मात्र बालू और मिट्टी नजर आ रही है, उस सड़क पर भी प्रधान ने कागजों में लाखों का खर्च दिखाया है, नाली का कहीं भी निर्माण नही हुआ, लेकिन कागज मे 2 लाख खपा दिए गए, गांव के दर्जनो गरीब परिवार आज भी झोपड़ी में रहने को मजबूर है, मगर उन्हें आवास नही दिए गए ।
ग्रामीणों ने बताया कि, आवास के नाम पर प्रधान ने ग्रामीणों से बीस हजार रुपए मांगे, जिसने वो पैसे नहीं दिए, प्रधान ने उसे आवास नही दिए । गांव की एक बेहद गरीब महिला अपने परिवार के साथ गांव के पंचायत भवन मे रहने को मजबूर है, इस परिवार की कहानी भी दुखभरी है, आवास के लिए परिवार ने कई प्रधानों को इस आस मे वोट दिया कि, उसे इस बार आवास मिलेगा, मगर दस साल बीत गए, किसी प्रधान ने उस पर दया नही दिखाई, गांव में जो नल दूषित पानी दे रहा है, प्रधान ने उसे भी कागज में रिबोर करा दिया । बहरहाल गौर विकास खंड अधिकारी ने मामले की शिकायत मिलने पर जांच शुरु कर दिया है, अब देखना यह है कि, प्रधान जांच की आंच मे आती हैं या फिर जांच अफसर प्रधान के प्रभाव मे आकर लीपापोती कर देते हैं ।
हिन्द न्यूज टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव