छतरपुर (मध्य प्रदेश)। वरिष्ठ भारतीय जनता पार्टी की नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने मंगलवार को दलितों को खाना खिलाने की तुलना स्व-शुद्धिकरण से की है।
भारती ने मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए बोलीं कि मैं भगवान राम नहीं हूं जो दलितों को उनके साथ भोजन करके शुद्ध करने में सक्षम हो पाएंगे। दलित हमारे घर पर आएं और हमारे साथ बैठकर खाना खाएं तो हम शुद्ध हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब मैं अपने घर में अपने हाथों से दलित की सेवा करता हूं तो मेरा घर धन्य हो जाता है।
इस बीच भारती के बयान के विपरीत योगी के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप ने उसी दिन बीजेपी नेताओं की तुलना भगवान राम से की है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान राम ने शबरी (एक दलित) के बेर खाकर उसे आशीर्वाद दिया था, भाजपा नेता भी उनके घरों में जाकर दलितों को आशीर्वाद दे रहे हैं।
बता दें, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 अप्रैल को प्रतापगढ़ जिले के एक दलित गांव में रात बिताई थी और दलित के घर पर खाना खाया था।
कहीं-कहीं पर यह भी देखा जा रहा है कि मंत्री लोग दलितों के घरों पर रात बिताने और खाना खाने के नाम पर होटल जैसी सुविधाएं का आनंद ले रहे हैं। अभी हाल ही में एक मामला संज्ञान में आया कि उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री और अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री सुरेश राणा को अलीगढ़ में एक दलित के घर पर रात विश्राम करना था, भोजन करना था और चौपाल लगाकर लोगों की समस्याएं सुननी थीं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्री जी को खुश रखने के लिए अधिकारियों ने ऐसी व्यवस्था कर दी कि लग रहा था कि मंत्री किसी पार्टी में आए हों। उनके लिए तरह-तरह के व्यंजन तैयार करवाए गए और सोने के लिए डबल बेड का इंतजाम किया गया। मंत्री जी को रात को भरपूर नींद आए और गर्मी न लगे इसके लिए वाटर कूलर भी लगाए गए। वहीं, दलित ने बताया कि मंत्री जी अचानक रात को ग्यारह बजे मेरे घर पर पहुंचे जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी और रात्रि का भोजन बाहर से बनकर आय़ा था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा सांसदों, मंत्रियों और विधायकों को अपने क्षेत्र में दलितों के घरों पर रात बिताने और दलितों के घरों पर खाना खाने के लिए हिदायत दी है।