दुनिया को अपने विचारों से नया रास्ता दिखाने वाले धर्मगुरु, समाज सुधारक, दार्शनिक, वैज्ञानिक और बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे, उन्होने दुनिया को देखने और समझने का लोगों को नया रास्ता दिया, समाज में कैसे बदलाव लाए जा सकते हैं इसका मार्गदर्शन गौतम बुद्ध ने किया, एक राजा के बेटे होते हुए उन्होने अपना सबकुछ त्याग दिया और भीझु बन गए । कई साल जगलों में भटकने के बाद गौतम बुद्ध बिहार के बोध गया गए, और बोधी वृक्ष के नीचे कठोर साधना करने के बाद उन्हें सत्या का ज्ञान हुआ, और सिद्धार्थ गौतम से वो गौतम बुद्ध बन गए ।
सोमवार को पूरे देश में बुद्ध पूर्णिमा को बड़े धूम धाम से मनाया गया, 2015 में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा को राष्ट्रीय पर्व घोषित कर दिया था, सोमवार को बुद्ध पुर्णिमा के अवसर पर देशवासियों को बधाई देते हुए दिल्ली में समारोह का उद्धाटन किया, इस कार्यक्रम को संस्कृति मंत्रालय और इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन द्वारा आयोजित किया गया । यहां पीएम मोदा ने पवित्र अवशेषों का दर्शन किया, जिन्हें खासतौर से समारोह के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय से इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम लाया गया ।
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बुद्ध पूर्णिमा की देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा भारतीयों के लिए विशेष दिन है, साथ ही नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि भारत करणा, सेवा और त्याग की शक्ति दिखाने वाले महा-मानव भगवान बुद्ध की धरती है ।
India is blessed with a rich Buddhist heritage.
Dr. Babasaheb Ambedkar was deeply influenced by the teachings of Lord Buddha. Sharing pictures from various parts of India, where I got the opportunity to pray to Lord Buddha. pic.twitter.com/2NJ3zEw36N
— Narendra Modi (@narendramodi) April 30, 2018