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दलितों का बौद्ध धर्म अपनाना एक खतरनाक स्थिति: उदित राज

दलितों का बौद्ध धर्म अपनाना, एक खतरनाक स्थिति: उदित राज

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उना (गुजरात)। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद उदित राज ने सोमवार को ‘सामाजिक अन्याय’ को मुख्य कारण बताते हुए कहा कि दलितों का इतनी बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म अपनाना एक ‘खतरनाक स्थिति’ की ओर इशारा करता करता है।

राज ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि दलितों को कई कारणों से अत्याचार का सामना करना पड़ता है और इससे उनके फैसले पर असर पड़ सकता है।

जिसका कारण सामाजिक अन्याय है। दलितों को भी मूंछ होने के लिए पीटा जाता है। मुझे नहीं पता कि उनके पास क्या विकल्प है। यह वास्तव में एक खतरनाक स्थिति है।

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आपको बता दें, रविवार को गुजरात के उना में दलितों के एक समूह ने बौद्ध धर्म में परिवर्तित होने के लिए हिंदू धर्म को त्याग दिया।

निवासियों ने दावा किया कि उन्होंने निर्णय लिया क्योंकि उन्हें हिंदुओं के रूप में नहीं माना जाता था और उन्हें मंदिरों में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी।

गौरतलब है कि इससे पहले 1 मार्च को कर्नाटक के कलबरागी जिले में एक समान घटना सामने आई, जहां 60 से अधिक दलित परिवार बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो गए।

रूपांतरण के मुख्य कारण को गांव के ऊपरी जाति के हिंदू सदस्यों से उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के रूप में उद्धृत किया गया था, जिन्होंने कुछ दलितों पर हमला किया और उन्हें अपवित्र कर दिया था।

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